Hijab विवाद अब Kashmir पहुँचा, स्कूल ने छात्राओं को अबाया पहनने से रोका तो हो गया बड़ा बवाल
स्कूल के प्रधानाचार्य मेमरोज शफी ने कहा कि छात्राओं से कहा गया है कि वे घर से स्कूल तक अबाया पहन सकती हैं लेकिन स्कूल परिसर में उन्हें इसे उतारना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमने उन्हें लंबा सफेद रंग का हिजाब पहनने या बड़ा दुपट्टा रखने के लिए कहा क्योंकि यह स्कूल की वर्दी का हिस्सा है।
कर्नाटक में जिस तरह शिक्षण संस्थान में हिजाब पहने जाने को लेकर विवाद खड़ा हुआ था लगभग वैसा ही एक मामला कश्मीर में सामने आया है। श्रीनगर में विश्व भारती उच्च माध्यमिक स्कूल के प्रबंधन के खिलाफ छात्राओं ने प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया है कि उन्हें ‘अबाया’ पहनने के कारण स्कूल में प्रवेश करने से रोक दिया गया। हम आपको बता दें कि ‘अबाया’ पूरी लंबाई वाली ढीली-ढाली पोशाक होती है जिसे मुस्लिम महिलाएं पहनती हैं। प्रदर्शनकारी छात्राओं में से एक ने कहा, ‘‘हमें कहा गया कि अगर हम अबाया पहनना चाहते हैं तो हमें मदरसा जाना चाहिए। हमें स्कूल में प्रवेश नहीं करने दिया गया।’’ छात्रों ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन ने उन्हें कहा कि वे ‘अबाया’ पहनकर ‘‘स्कूल के माहौल को खराब कर रही हैं’’। वहीं स्थानीय लोगों ने भी इस पूरे मुद्दे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
वहीं, स्कूल प्रधानाचार्य मेमरोज शफी ने कहा कि छात्राओं से कहा गया है कि वे घर से स्कूल तक अबाया पहन सकती हैं लेकिन स्कूल परिसर में उन्हें इसे उतारना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमने उन्हें लंबा सफेद रंग का हिजाब पहनने या बड़ा दुपट्टा रखने के लिए कहा क्योंकि यह स्कूल की वर्दी का हिस्सा है। वे अलग-अलग डिजाइन वाले रंगीन अबाया पहनकर आ गईं जो स्कूल की वर्दी का हिस्सा नहीं है।’’ प्रधानाचार्य ने कहा कि स्कूल का अनुशासन बनाए रखने के लिए विद्यार्थियों को समुचित ‘ड्रेस कोड’ का पालन करना चाहिए।
यह मामला अब राजनीतिक रंग भी ले चुका है। नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा कि मुस्लिम बहुल जम्मू-कश्मीर में इस तरह की घटनाएं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। सादिक ने ट्वीट किया, ‘‘हिजाब पहनना निजी चयन हो सकता है और धार्मिक परिधान के मामले में दखल नहीं देना चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुस्लिम बहुल जम्मू-कश्मीर में इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।’’ नेकां के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी स्कूल के निर्देश का विरोध करती है और प्रशासन से तत्काल उचित कार्रवाई करने का अनुरोध करती है। उन्होंने कहा, ‘‘हम इसका सख्त विरोध करते हैं और तत्काल उचित कार्रवाई का अनुरोध करते हैं।''
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वहीं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी स्कूल के निर्देश का विरोध करते हुए कहा है कि भाजपा के निर्देश पर यह सब हो रहा है और हर किसी को इसका विरोध करना चाहिए। महबूबा ने कहा कि भाजपा नफरत की विचारधारा को कश्मीर में थोप रही है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा है कि भाजपा भारत को गोडसे का देश बनाना चाहती है और जम्मू-कश्मीर उनकी प्रयोगशाला बन गया है। उन्होंने कहा कि पहले हमने कर्नाटक में ऐसी घटनाएं देखीं और अब कश्मीर में भी यह सब देख रहे हैं।
दूसरी ओर, इस पूरे विवाद के बाद प्रधानाचार्य मेमरोज शफी को आतंकी धमकियां मिलने लगीं तो उन्होंने कहा है कि यह सब गलतफहमी की वजह से हुआ है। प्रधानाचार्य ने कहा कि हिजाब पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि उनकी बात से किसी की भावना को ठेस पहुँची है तो मैं बिना शर्त माफी मांगती हूँ।
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