'वो सिर्फ अपना चेहरा चमकाने आते हैं...' BPSC अभ्यर्थियों ने किया खान सर का विरोध
छात्र ने कहा कि खान सर इस आंदोलन को हाईजैक करना चाहते हैं और इसे अपनी पब्लिसिटी के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। जब छात्रों ने मंच पर उनके खिलाफ नारे लगाए तो स्थिति तनावपूर्ण हो गई और खान सर को मंच छोड़कर जाना पड़ा।
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर छात्रों का प्रदर्शन जारी है। इस प्रदर्शन के 11वें दिन शुक्रवार को मशहूर शिक्षक खान सर एक बार फिर पटना के गर्दनीबाग में छात्रों के बीच पहुंचे। उन्होंने मंच से छात्रों के समर्थन में अपनी बात रखी और सरकार से समाधान की मांग की। हालाँकि, इस बार उन्हें छात्रों के एक वर्ग के कड़े विरोध का भी सामना करना पड़ा। प्रदर्शन के दौरान कुछ छात्रों ने खान सर पर आरोप लगाया कि वह सिर्फ अपनी छवि चमकाने के लिए आंदोलन में आते हैं।
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छात्र ने कहा कि खान सर इस आंदोलन को हाईजैक करना चाहते हैं और इसे अपनी पब्लिसिटी के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। जब छात्रों ने मंच पर उनके खिलाफ नारे लगाए तो स्थिति तनावपूर्ण हो गई और खान सर को मंच छोड़कर जाना पड़ा। विरोध के बावजूद खान सर ने मंच से बोलते हुए कहा कि वह छात्रों के साथ खड़े हैं और उनकी मांगों का समर्थन करते हैं। उन्होंने प्रशासन पर छात्रों को भड़काने की कोशिश करने का आरोप लगाया। खान सर ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और जल्द ही इसका समाधान निकाला जाएगा।
उन्होंने प्रदर्शनकारियों के समर्थन में नारा लगाया, "एक ही नारा, एक ही नाम, रीएग्जाम-रीएग्जाम।" खान सर ने मंच से साफ कर दिया कि आंदोलन की फंडिंग की जांच के लिए सरकार से कहा जा सकता है। इससे पहले भी खान सर छात्रों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे। उस वक्त भी प्रदर्शन के दौरान विवाद बढ़ गया था, जिसके चलते उन्हें थाने जाना पड़ा था। तनावपूर्ण माहौल के कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
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खान सर ने कहा कि परीक्षा से जुड़े विवाद के लिए आयोग जिम्मेदार है और उन्हें छात्रों के भविष्य की चिंता है. छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी उनका आंदोलन जारी रहेगा। इस घटना ने आंदोलन को और जटिल बना दिया है. जहां एक तरफ खान सर छात्रों के समर्थन में खड़े नजर आ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ छात्रों का एक वर्ग उनके खिलाफ प्रदर्शन कर नई चुनौती पेश कर रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और आयोग इस विवाद का क्या समाधान निकालते हैं। इस पूरी घटना ने बिहार में शिक्षा और प्रशासन की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिये हैं। छात्रों और शिक्षकों के बीच का ये संघर्ष कैसे ख़त्म होगा ये तो वक़्त ही बताएगा।
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