एग्रो फॉरेस्ट्री के लिए अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण कर रही हरियाणा सरकार
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से कृषि वानिकी में किए गए प्रयासों के लिए सराहना मिली। कृषि वानिकी एकमात्र तरीका है जिससे राज्य हरित आवरण के तहत अपने क्षेत्र को बढ़ा सकता है। हरियाणा ने प्रदर्शित किया है कि वनों के अंतर्गत केवल 3.5 प्रतिशत क्षेत्र और कृषि के तहत 80 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र के साथ वन और प्राकृतिक संसाधनों की कमी के बावजूद कैसे खाद्य सुरक्षा और वुड सरप्लस स्टेट बना जा सकता है।
चंडीगढ़ । मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार के अथक प्रयासों से एग्रो फॉरेस्ट्री में भी राज्य शानदार प्रदर्शन कर रहा है। आज हरियाणा की राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर कृषि वानिकी क्षेत्र (Agroforestry) के तहत किए गए कार्यों के लिए सराहना की जा रही है। हाल ही में एक राष्ट्रीय वेबिनार के दौरान हरियाणा को भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से कृषि वानिकी में किए गए प्रयासों के लिए सराहना मिली। कृषि वानिकी एकमात्र तरीका है जिससे राज्य हरित आवरण के तहत अपने क्षेत्र को बढ़ा सकता है। हरियाणा ने प्रदर्शित किया है कि वनों के अंतर्गत केवल 3.5 प्रतिशत क्षेत्र और कृषि के तहत 80 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र के साथ वन और प्राकृतिक संसाधनों की कमी के बावजूद कैसे खाद्य सुरक्षा और वुड सरप्लस स्टेट बना जा सकता है।
'ब्रेड बास्केट ऑफ इंडिया' के रूप में जाना जाने वाला हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में कृषि वानिकी में अग्रणी रूप में जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का समाधान करने के लिए यूएनएफसीसीसी-सीओपी के दौरान ग्लासगो में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए आदर्श वाक्य 'पंचामृत' पर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाएं और परियोजनाएं जैसे 'ऑक्सी-वन', 'प्राण वायु देवता', 'मेरा पानी-मेरी विरासत' फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेट जीरो एमिशन लक्ष्य को 2070 तक प्राप्त करने के कुछ उदाहरण हैं।
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इसके अलावा, राज्य लकड़ी बाजार में योगदान देने में भी अग्रणी है क्योंकि यमुनानगर लकड़ी बाजार भारत के प्लाइवुड उत्पादन का लगभग 50 प्रतिशत योगदान रखता है, जिससे यह देश की 'प्लाईवुड कैपिटल' बन जाता है। यमुनानगर शहर में अब लकड़ी आधारित इकाइयों की संख्या काफी है, जो सालाना लगभग 5,000-6,000 करोड़ रुपये के लकड़ी के उत्पादों का निर्माण करती हैं और लगभग 1.5 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करती हैं।
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कृषि वानिकी ने वन की कमी वाले राज्य हरियाणा को खेत में उगाई जाने वाली लकड़ी के आधार पर लकड़ी आधारित उद्योगों में बड़ी संख्या में योगदान करने में सक्षम बनाया है। हरियाणा सरकार की निजी क्षेत्रों से पेड़ों की कटाई और लकड़ी के पारगमन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाने की नीति ने भी लकड़ी के व्यापार और लकड़ी आधारित उद्योगों के विस्तार में मदद की है। हरियाणा सरकार राज्य में अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण कर रही है ताकि लकड़ी आधारित उद्योग और कृषि वानिकी गतिविधि एक साथ आगे बढ़ सकें।
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