सरदार पटेल की विरासत को आगे बढ़ा रहा गुजरात, PM मोदी बोले- राष्ट्र प्रथम हमारा जीवन मंत्र है

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरदार साहब ने कहा था जाति और पंथ को हमें रुकावट नहीं बनने देना है। हम सभी भारत के बेटे-बेटियां हैं। हम सभी को अपने देश से प्रेम करना चाहिए। परस्पर स्नेह और सहयोग से अपना भाग्य बनाना चाहिए।

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज द्वारा बनाए गए होस्टेल फेज -1 (कुमार छात्रावास) के भूमिपूजन का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज द्वारा आज विजयादशमी को एक पुण्य कार्य का शुभारंभ हो रहा है। मैं आप सभी को और पूरे देश को विजयादशमी की हार्दिक बधाई देता हूं। 

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उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि गुजरात के लोग उन मूल्यों को मजबूती से आगे बढ़ा रहे हैं। सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में आज की गई एक पहल भी इसी कड़ी का एक हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि साल 2024 तक दोनों फेज का काम पूरा कर लिया जाएगा। कितने ही युवाओं को बेटे-बेटियों को आपके इस प्रयासों से एक नई दिशा मिलेगी। उन्हें अपने सपनों को साकार करने का अवसर मिलेगा। मैं इस प्रयासों के लिए सौराष्ट्र पटेल सेवा समाज को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मुझे इस बात से भी बहुत संतोष है कि सेवा के इन कार्यों में समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने का प्रयास है। साथियों जब मैं अलग-अलग क्षेत्रों में सेवा के इन कार्यों को देखता हूं तो मुझे गर्व होता है कि गुजरात किस तरह से सरदार पटेल की विरासत को आगे बढ़ा रहा है।

सरदार साहब के जीवन मंत्र को दी मजबूती

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार साहब ने कहा था जाति और पंथ को हमें रुकावट नहीं बनने देना है। हम सभी भारत के बेटे-बेटियां हैं। हम सभी को अपने देश से प्रेम करना चाहिए। परस्पर स्नेह और सहयोग से अपना भाग्य बनाना चाहिए। हम खुद इसके साक्षी हैं कि सरदार साहब की इन भावनाओं को गुजरात ने किस तरह हमेशा मजबूती दी है। राष्ट्र प्रथम यह सरदार साहब की संतानों का जीवन मंत्र है। आप देश-दुनिया में कहीं भी चले जाईये गुजरात के लोगों में यह जीवन मंत्र आपको हर जगह दिखेगा। 

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प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान राम के अनुसरण का अर्थ है- मानवता का और ज्ञान का अनुसरण। इसलिए गुजरात की धरती से बापू ने रामराज्य के आदर्शों पर चलने वाले समाज की कल्पना की थी।

उन्होंने कहा कि भारत इस समय अपनी आजादी के 75वें वर्ष में है। ये अमृतकाल हमें नए संकल्पों के साथ ही, उन व्यक्तित्वों को याद करने की भी प्रेरणा देता है, जिन्होंने जनचेतना जागृत करने में बड़ी भूमिका निभाई। आज की पीढ़ी को उनके बारे में जानना बहुत आवश्यक है। उन्होंने आगे कहा कि जो लोग गुजरात के बारे में कम जानते हैं, उन्हें मैं आज वल्लभ विद्यानगर के बारे में भी बताना चाहता हूं। आप में से काफी लोगों को पता होगा, ये स्थान, करमसद-बाकरोल और आनंद के बीच में पड़ता है।

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