Prabhasakshi NewsRoom: CSIR-UGC NET Exam भी रद्द, केंद्र ने परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकने वाला कठोर कानून देश में लागू किया

Dharmendra Pradhan
ANI

सरकारी अधिसूचना में कहा गया, ‘‘लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक 2024 की धारा 1 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए, केंद्र सरकार 21 जून 2024 को उक्त अधिनियम लागू कर रही है।’’

केंद्र सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से कड़ा कानून लागू कर दिया है। इस कानून के तहत दोषी पाए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष की कैद और एक करोड़ रुपए तक के अर्थदंड का प्रावधान है। हम आपको बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लगभग चार महीने पहले, लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक 2024 को मंजूरी दी थी। कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार रात एक अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया है कि इस कानून के प्रावधान 21 जून से लागू हो जाएंगे। यूजीसी-नेट 2024 परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक हो जाने को लेकर जारी विवाद के बीच, सरकार का यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सरकारी अधिसूचना में कहा गया, ‘‘लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक 2024 की धारा 1 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए, केंद्र सरकार 21 जून 2024 को उक्त अधिनियम लागू कर रही है।’’ यह अधिसूचना जारी होने से एक दिन पहले ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से पूछा गया था कि यह कानून कब लागू होगा, इस पर उन्होंने कहा था कि कानून मंत्रालय नियम बना रहा है। इस कानून का उद्देश्य संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाओं और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) आदि द्वारा आयोजित परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग को रोकना है। इस कानून में नकल पर रोकथाम के लिए न्यूनतम तीन साल से पांच साल तक के कारावास और इस तरह के संगठित अपराध में शामिल लोगों को पांच से 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है। कानून में, न्यूनतम एक करोड़ रुपये के जुर्माने का भी प्रावधान है। इस कानून से पहले, परीक्षाओं के संचालन में शामिल विभिन्न एजेंसियों द्वारा कोई धांधली किये जाने या अपराध होने की स्थिति में, उससे निपटने के लिए कोई विशिष्ट कानून नहीं था।

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इस बीच, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने अपरिहार्य परिस्थितियों व तैयारियों संबंधी मुद्दों का हवाला देते हुए संयुक्त वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा के जून संस्करण को स्थगित करने की घोषणा की है। हम आपको बता दें कि संयुक्त सीएसआईआर-यूजीसी-नेट परीक्षा ‘जूनियर रिसर्च फेलोशिप’ और सहायक प्रोफेसर पद के लिए पात्रता निर्धारित करने और विज्ञान पाठ्यक्रमों में पीएचडी में दाखिले के लिए आयोजित की जाती है। इससे तीन दिन पहले एनटीए ने यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द कर दी थी और कहा था कि परीक्षा की शुचिता से समझौता हुआ है। अब एनटीए ने एक परिपत्र में कहा, "25.06.2024 और 27.06.2024 के बीच आयोजित होने वाली संयुक्त सीएसआईआर-यूजीसी-नेट परीक्षा जून-2024 अपरिहार्य परिस्थितियों और तैयारियों संबंधी मुद्दों के कारण स्थगित की जा रही है। इस परीक्षा के आयोजन का संशोधित कार्यक्रम बाद में आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से घोषित किया जाएगा।"

हम आपको बता दें कि सीएसआईआर-यूजीसी-नेट परीक्षा पांच विषयों में वर्ष में दो बार जून और दिसंबर में आयोजित की जाती है। इन विषयों में रसायन विज्ञान, पृथ्वी, वायुमंडलीय, महासागर और ग्रह विज्ञान, जीवन विज्ञान, गणितीय विज्ञान और भौतिक विज्ञान शामिल हैं। परीक्षा कंप्यूटर आधारित प्रारूप में आयोजित की जाती है। पिछले साल दिसंबर में आयोजित परीक्षा में 1.75 लाख से अधिक छात्र शामिल हुए थे। इस साल दो लाख से अधिक छात्रों ने इसके लिए पंजीकरण कराया है। बताया जा रहा है कि सरकार ने इस परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र दोबारा से बनाने के निर्देश दिये हैं।

इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "एनटीए की एक और परीक्षा स्थगित कर दी गई। इस बार सीएसआईआर-यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द हुई है। स्पष्ट है, एनटीए युवाओं के लिए नरेन्द्र ट्रॉमा एजेंसी बन गई है।"

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