सरकार और किसान नेताओं के पास किसानों की समस्याएं दूर करने का मौका: उमा भारती
केन्द्र सरकार द्वारा लाए गये तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले दो महीने से अधिक समय से आंदोलन कर रहे है।
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उन्होंने कहा, ‘‘30 साल बाद किसान जमा हुए हैं। सरकार के पास भी यही मौका है। इसलिये मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी)के सामने भी बहुत बड़ा अवसर आया है और किसानों के सामने भी अवसर है। इस अवसर पर दोनों पक्षों को (सरकार और किसान नेताओं को)अहंकार और हठ से मुक्त होकर काम करना होगा।’’ उमा भारती ने 30 साल पहले दिल्ली में किसान नेता महेन्द्र सिंह टिकैत और शरद जोशी के किसान आंदोलन का हवाला देते हुए कहा कि दोनों किसान नेताओं में तब कोई मतभेद नहीं थे लेकिन उनके समर्थकों के बीच मंच पर ही संघर्ष हो गया था।
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केन्द्र सरकार द्वारा लाए गये तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले दो महीने से अधिक समय से आंदोलन कर रहे है। किसान नेताओं और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अब तक इस मामले में समाधान नहीं निकला है। किसानों को आशंका है इससे देश भर में कृषि उपज मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बंद करने का रास्ता बनाया जा रहा है।
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