सरकार ने अंतरिक्ष स्टार्टअप के लिए एक हजार करोड़ रुपये के उद्यम पूंजी कोष की शुरुआत की

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जलविद्युत परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। जनता के कल्याण के 100 दिन में 7,450 करोड़ रुपये की अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं को मंजूरी देना भी शामिल है।

केंद्र सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन में अनुसंधान एवं विकास तथा उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 50 हजार करोड़ रुपये के राष्ट्रीय अनुसंधान कोष को क्रियान्वित किया है तथा अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक हजार करोड़ रुपये के उद्यम पूंजी कोष की शुरुआत की है।

लगातार तीसरे कार्यकाल के अपने पहले 100 दिन में, मोदी सरकार ने लगभग 15 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू कीं, जिनमें देश में सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देना और स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों को अपनाने के लिए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (एनजीएचएम) शामिल हैं।

गुजरात के साणंद में 3,300 करोड़ रुपये के निवेश से एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित की जाएगी, जिसकी उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 60 लाख ‘चिप’ होगी। आपदा प्रबंधन के लिए एक राष्ट्रीय डेटाबेस और ग्रामीण भूमि रिकॉर्ड के लिए ‘भुवन पंचायत पोर्टल’ बनाया गया है।

ऊर्जा और सुरक्षा के क्षेत्र में, सरकार ने पूर्वोत्तर में जलविद्युत परियोजनाओं को मंजूरी दी है। वीजीएफ (व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण) योजना के तहत 12,400 करोड़ रुपये से अधिक की जलविद्युत परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। जनता के कल्याण के 100 दिन में 7,450 करोड़ रुपये की अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं को मंजूरी देना भी शामिल है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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