मध्यप्रदेश में सरकार कमलनाथ की और चला रहें दिग्विजय सिंह, वन मंत्री के बयान के बाद मचा सियासी बवाल
पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के पत्र के जवाब में वन मंत्री के सार्वजनिक तौर पर दिए गए बयान को लेकर सियासी घमाशान मच गया है। हालांकि अभी तक दिग्विजय सिंह की तरफ से इसको लेकर कोई बयान नहीं आया है। लेकिन वन मंत्री उमंग सिंघार के बयान ने खेमों में बटी काँग्रेस की पोल एक बार फिर से खोलकर रख दी है। सूत्रों की माने तो वन मंत्री उमंग सिंगार ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी खत लिखा है।
मध्यप्रदेश की काँग्रेस शासित कमलनाथ सरकार को उनके ही वन मंत्री ने कटघरे में खड़ा कर दिया है। वन मंत्री उमंग सिंघार ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा कि दिग्विजय सिंह पर्दे के पीछे से सरकार चला रहे है। वन मंत्री के बयान को लेकर जहां कमलनाथ सरकार और काँग्रेस पार्टी में सियासी तूफान खड़ा हो गया है और कार्यकर्ताओं के बीच में हलचल बढ़ गई है। तो वही विपक्ष को भी निशाना साधने का मौका मिल गया है। दरअसल सोशल मीडिया पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का एक पत्र वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने ट्रांसफर सहित कई मुद्दों पर प्रदेश की कमलनाथ सरकार के मंत्रियों से मिलने का समय मांगा था। जिसके जवाब में वन मंत्री ने कहा कि "माननीय दिग्विजय सिंह के बारे में मैं यह कहूंगा कि सरकार पर्दे के पीछे से वह चला रहे हैं, ये सबको पता है जग जाहिर है, प्रदेश की जनता जानती है कार्य से कार्यकर्ता जानता है। जब वह प्रदेश की सरकारी ही चला रहे हैं, तो उन्हें चिट्ठी लिखने की आवश्यकता क्यों।"
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पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के पत्र के जवाब में वन मंत्री के सार्वजनिक तौर पर दिए गए बयान को लेकर सियासी घमाशान मच गया है। हालांकि अभी तक दिग्विजय सिंह की तरफ से इसको लेकर कोई बयान नहीं आया है। लेकिन वन मंत्री उमंग सिंघार के बयान ने खेमों में बटी काँग्रेस की पोल एक बार फिर से खोलकर रख दी है। सूत्रों की माने तो वन मंत्री उमंग सिंगार ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी खत लिखा है। सिंघार ने काँग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे खत में दिग्विजय सिंह की शिकायत की है। बताया जा रहा है कि उन्होंने पत्र में लिखा है कि, दिग्विजय सिंह कमलनाथ सरकार को अस्थिर कर खुद को पावर सेंटर के रूप में स्थापित करने में जुटे हैं। दिग्विजय सिंह लगातार मंत्रियों को पत्र लिखकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं। जिससे विपक्ष को मुद्दा मिल रहा है।
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यही नहीं मंत्री उमंग सिंगार ने दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह जो कि कमलनाथ सरकार में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री हैं को लेकर भी राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस पत्र में लिखा है। वन मंत्री ने सोनिया गांधी को संबोधित करते हुए लिखा है कि दिग्विजय सिंह व्यापम,ई-टेंडरिंग घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखते रहे हैं लेकिन सिंहस्थ घोटाले को लेकर किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाते हैं, क्योंकि इससे संबंधित विभाग में उनके पुत्र ही है। वन मंत्री के बयान के बाद विपक्ष को भी प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया है। प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के वरिष्ठ नेता गोपाल भार्गव ने कहा है कि दिग्विजय सिंह प्रेशर पॉलिटिक्स में माहिर है और सत्ता और संगठन इन्हीं से संचालित है। पत्र लिखना उनकी शिगूफेबाजी है।बीजेपी ने कहा कि वह शुरू से यह बात कहती आई है कि प्रदेश में तीन-तीन मुख्यमंत्रियों की सरकार है और यह बात मंत्री के बयान के बाद स्पष्ट हो गई।
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बीजेपी ने चुटकी लेते हुए काँग्रेस से सवाल पूछा कि जब सरकार पर्दे के पीछे से दिग्विजय सिंह चला रहे हैं तो फिर मुख्यमंत्री कमलनाथ क्या कर रहे हैं? कुल मिलाकर देखा जाए तो दिग्विजय सिंह की प्रेशर पॉलिटिक्स के जवाब में वन मंत्री उमंग सिंघार ने उन को करारा जवाब दिया है जिसको लेकर खुद उनकी पार्टी और सरकार में घमासान मच गया है। यह पहला मौका नहीं है जब उमंग सिंघार ने दिग्विजय सिंह को जवाब दिया हो इससे पहले भी दिग्विजय सिंह को करारा जवाब दे चुके हैं। इससे पहले नर्मदा किनारे लगाए गए पौधा रोपड़ को लेकर विधानसभा में दिए गए जवाब के उत्तर पर दिग्विजय सिंह ने बयान दिया था जिसको लेकर उमंग सिंघार ने पत्र लिखकर दिग्विजय सिंह को टका सा जवाब दे दिया था।
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