भारत की समृद्ध समुद्री विरासत के अध्ययन पर सरकार का जोर: सोनोवाल

Sonowal
ANI

सोनोवाल ने कहा, “उन्नत बंदरगाह संचालन और रसद से लेकर व्यापक बुनियादी ढांचा विकास तक भारत वैश्विक मान्यता प्राप्त कर रहा है क्योंकि इसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक एक प्रमुख समुद्री राष्ट्र बनना है।

केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार भारत की समृद्ध समुद्री विरासत पर फिर से अकादमिक ध्यान केंद्रित करने की गंभीर कोशिश कर रही है।

सोनोवाल दो-दिवसीय भारतीय समुद्री विरासत सम्मेलन (आईएमएचसी)-2024 के अंतिम दिन 11 देशों के प्रतिनिधियों एवं अन्य प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। सोनोवाल ने कहा, “भारत के पास समुद्री इतिहास की एक समृद्ध विरासत है। लेकिन दुर्भाग्य से दशकों तक यह उपेक्षित रहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार देश की समुद्री विरासत पर अकादमिक ध्यान को नए सिरे से केंद्रितकरने के लिए एक गंभीर प्रयास कर रही है।”

इस सम्मेलन में 11 देशों के वैश्विक विशेषज्ञों और शिक्षाविदों ने वैश्विक समुद्री क्षेत्र में समकालीन चुनौतियों के लिए स्थायी समाधान पर विचार-विमर्श किया। भारत इस चर्चा के केंद्र में रहा। वैश्विक इतिहासकारों और समुद्री विशेषज्ञों ने भारत के 5,000 साल से अधिक पुराने इतिहास पर जोर दिया।

सोनोवाल ने कहा, “उन्नत बंदरगाह संचालन और रसद से लेकर व्यापक बुनियादी ढांचा विकास तक भारत वैश्विक मान्यता प्राप्त कर रहा है क्योंकि इसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक एक प्रमुख समुद्री राष्ट्र बनना है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़