सरकार ने मनमोहन सिंह के लिए स्मारक को लेकर अनावश्यक विवाद खड़ा किया: गहलोत
कांग्रेस ने निगमबोध घाट पर अंत्येष्टि के सरकार के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए शुक्रवार को कहा था कि सिंह का अंतिम संस्कार ऐसे स्थान पर होना चाहिए जहां उनका स्मारक भी बन सके।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने शनिवार को आरोप लगाया कि सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अंत्येष्टि और स्मारक के विषय पर अनावश्यक रूप से विवाद खड़ा किया। उन्होंने कहा कि सरकार को खुद आगे आकर इस पर कदम उठाना चाहिए था।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राजस्थान के भैरों सिंह शेखावत जी उपराष्ट्रपति थे, वो जीवन भर में भाजपा में रहे। भाजपा मांग नहीं कर रही थी, फिर भी हमने (सरकार में रहते हुए) पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया और मूर्ति बनाई। लोग आज भी उस फैसले की सराहना करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया में मनमोहन सिंह की धाक थी। बराक ओबामा ने कहा था कि जब मनमोहन सिंह बोलते थे तो दुनिया सुनती थी। चाहे वह उदारीकरण हो, आर्थिक क्रांति हो, भारत-अमेरिका परमाणु समझौता हो,उनका व्यक्तित्व इतना विराट था कि उसे शब्दों में परिभाषित नहीं किया जा सकता।’’
गहलोत ने कहा कि अगर मौजूदा सरकार खुद इसके लिए आगे आती तो विवाद नहीं होता। उन्होंने कहा कि सरकार ने अनावश्यक रूप से विवाद पैदा किया और कांग्रेस पर ही आरोप लगा रही है।
कांग्रेस ने निगमबोध घाट पर अंत्येष्टि के सरकार के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए शुक्रवार को कहा था कि सिंह का अंतिम संस्कार ऐसे स्थान पर होना चाहिए जहां उनका स्मारक भी बन सके।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि सिंह की अंत्येष्टि और स्मारक के लिए स्थान नहीं ढूंढ़ पाना भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री का जानबूझकर किया गया अपमान है। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार रात कहा था कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित करेगी।
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