Godhra Riot Case: साबरमती एक्सप्रेस की बोगी में आग लगाने वाले उम्र कैद की सजा पाए 8 दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने चार दोषियों को फिलहाल जमानत देने से इनकार कर दिया। इनको निचली अदालत ने फांसी की सजा दी थी। लेकिन बाद में हाई कोर्ट ने इसे उम्रकैद में बदल दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गोधरा ट्रेन कोच जलाने के मामले में आठ आरोपियों को जमानत दे दी है। उम्रकैद की सजा काट रहे लोगों को कोर्ट से राहत मिली है। ये सभी दोषी 17 से 20 साल की सजा काट चुके हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने चार दोषियों को फिलहाल जमानत देने से इनकार कर दिया। इनको निचली अदालत ने फांसी की सजा दी थी। लेकिन बाद में हाई कोर्ट ने इसे उम्रकैद में बदल दिया था।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत की शर्तें पूरी कर बाकी लोगों को जमानत पर रिहा किया जाए। सुप्रीम कोर्ट से जमानत पाने वाले सभी दोषी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। दोषियों के वकील संजय हेगड़े ने ईद को देखते हुए इ सबको जमानत पर रिहा करने की अपील की। गौरतलब है कि ये सभी गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस की बोगी में आग लगाने और पथराव के मामले में सजा काट रहे हैं।
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अदालत ने सोमवार को 2002 के गोधरा ट्रेन जलाने के मामले में दोषियों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिन्हें निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। लेकिन गुजरात उच्च न्यायालय ने इसे उम्रकैद में बदल दिया था। जहां 11 दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई थी, वहीं 20 अन्य को ट्रायल कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उच्च न्यायालय ने मौत की सजा को कम करते हुए मामले में 31 दोषसिद्धि को बरकरार रखा था और उनमें से कुछ ने अपनी दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ अपील के निस्तारण तक जमानत के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया था।
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