कभी पांडवों ने तय किया था स्वर्ग का रास्ता, जानें भारत के आखिरी गांव की कहानी, जहां PM मोदी 21 अक्टूबर को जाएंगे
21 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3400 करोड़ रुपये से अधिक की कनेक्टिविटी परियोजनाओं की नींव रखने के लिए बद्रीनाथ और केदारनाथ का दौरा करेंगे।
क्या आपको भारत के आखिरी गांव के बारे में पता है? जहां से कभी पांडव स्वर्ग की ओर गए थे। उत्तराखंड के चमोली जिले का माणा गांव जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 अक्टूबर यानी शुक्रवार के दिन जाने वाले हैं। जिसे भारत के आखिरी गांव का दर्जा भी हासिल है। दरअसल, 21 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3400 करोड़ रुपये से अधिक की कनेक्टिविटी परियोजनाओं की नींव रखने के लिए बद्रीनाथ और केदारनाथ का दौरा करेंगे। परियोजनाओं का उद्देश्य क्षेत्र की कनेक्टिविटी और धार्मिक पर्यटन में सुधार करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 अक्टूबर 2022 को उत्तराखंड का दौरा करेंगे। केदारनाथ में लगभग 8:30 बजे वो श्री केदारनाथ मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे।
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माणा का धार्मिक महत्व
माणा गांव हिंदुओं के लिए एक बड़ा धार्मिक महत्व रखता है, क्योंकि यह स्थान महाभारत के समय से संबंधित है। ऐसा माना जाता है कि पांडव (महाभारत महाकाव्य के पांच पौराणिक पात्र) जब स्वर्ग की अपनी अंतिम यात्रा कर रहे थे, तब वे माणा गांव से गुजरे थे। इस जगह में सरस्वती नदी के पास एक पत्थर का पुल भी है, जिसे 'भीमा पुल' कहा जाता है, जिसके बारे में माना जाता है कि इसे पांच पांडव भाइयों में से एक भीम ने बनाया था। 2011 की जनगणना के मुताबिक, इस गांव में 1214 लोग रहते हैं। सर्दियों के मौसम में अक्सर लोग निचले इलाके में आ जाते हैं, क्योंकि पूरा इलाका बर्फ से ढक जाता है।
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कहां है स्थित
उत्तराखंड में चमोली जिले में 3200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, माणा गांव सरस्वती नदी के तट पर स्थित है। ये प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल बद्रीनाथ से लगभग 5 किमी दूरी पर है। यह खूबसूरत बस्ती भारत-चीन सीमा से 24 किमी दूर है, जो इसे भारत का आखिरी गांव बनाती है। यदि आप कभी भी उस स्थान पर जाते हैं, तो आप देखेंगे कि क्षेत्र के दुकानदार अपने उत्पादों को 'इंडियाज लास्ट टी एंड कॉफ़ी कॉर्नर' जैसे 'लास्ट विलेज' शीर्षक का उपयोग करते हुए बेचते हैं, जो अपने आप में काफी दिलचस्प और मनोरंजक है।
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