P Chidambaram Birthday: आज 79वां जन्मदिन मना रहे पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम, विवादों से रहा पुराना नाता

P Chidambaram Birthday
Creative Commons licenses/Wikimedia Commons

देश के पूर्व वित्त पी. चिदंबरम आज यानी की 16 सितंबर को अपना 79वां जन्मदिन मना रहे हैं। बता दें कि प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने के बाद पी. चिदंबरम को वित्तमंत्री बनाया गया था। इससे पहले वह केंद्रीय गृह मंत्री के पद पर भी रह चुके हैं।

देश के पूर्व वित्त पी. चिदंबरम आज यानी की 16 सितंबर को अपना 79वां जन्मदिन मना रहे हैं। बता दें कि प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने के बाद पी. चिदंबरम को वित्तमंत्री बनाया गया था। इससे पहले वह केंद्रीय गृह मंत्री के पद पर भी रह चुके हैं। हालांकि चिदंबरम ने राजनीतिक जीवन के सबसे मुश्किल दौर का भी सामना किया है। उन्होंने साल 1984 में अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत बतौर सांसद की थी। जिसके बाद वह अपनी प्रतिभा के दम पर राजनीति में अपनी जगह बनाते चले गए। तो आइए जानते हैं उनके बर्थडे के मौके पर पी. चिदंबरम के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...

जन्म और शिक्षा

औद्योगिक घराने से ताल्लुक रखने वाले पी. चिदंबरम का जन्म 16 सितंबर 1945 को तमिलनाडु के कनाडुकथन गांव में हुआ था। इनका पूरा नाम पलानीअप्पन चिदंबरम है। उन्होंने अपनी शुरूआती शिक्षा चेन्नई के मद्रास क्रिश्चियन सेकेंडरी स्कूल से पूरी की थी। फिर चेन्नई के प्रेसीडेंट कॉलेज से साइंस में सांख्यिकी से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। वहीं चिदंबरम ने बोस्टन के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से बिजनेस मैनेजमेंट में मास्टर की डिग्री प्राप्त की।  

वकालत

बता दें कि शुरूआती दौर में पी.चिदंबरम चेन्नई हाईकोर्ट में वकालत करते थे। फिर साल 1984 में वह वरिष्ठ वकील के तौर पर नामित हुए। वह कई राज्यों के हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में बतौर वकील काम कर चुके हैं। 

राजनीति की शुरूआत

जब साल 1969 में कांग्रेस पार्टी में फूट पड़ी, तो वह इंदिरा गांधी के साथ बने रहे। फिर शिवगंगा लोकसभा सीट से साल 1984 में चिदंबरम पहली बार सांसद बने और राजीव गांधी सरकार में उनको वाणिज्य मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया। चिदंबरम को नरसिम्हाराव सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया। वह एक अनुभवी और मंझे हुए राजनेता है। हालांकि कई मौकों पर चिदंबरम द्वारा लिए गए फैसलों की काफी आलोचना भी हुई।

जब जनलोकपाल आंदोलन चरम पर था, तो उस दौरान पी.चिदंबरम देश के गृहमंत्री पद पर आसानी थे। ऐसे में दिल्ली पुलिस ने कानून व्यवस्था बिगड़ने का हवाला देते हुए अन्ना हजारे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। तब चिदंबरम पर को अप्रिय स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। इस मामले में उनकी काफी किरकिरी हुई। वहीं योगगुरू रामदेव के समर्थकों पर रामलीला मैदान में हुए लाठीचार्ज के लिए भी पी.चिदंबरम पर सवाल उठाए गए।

साल 1972 में चिदंबरम ने अखिल भारतीय राष्ट्रीय कमेटी की सदस्यता ग्रहण की। साल 1973 में उनको तमिलनाडु में युवा कांग्रेस अध्यक्ष और तमिलनाडु कांग्रेस प्रदेश समिति का महासचिव बनाया गया। वहीं शिवगंगा लोकसभा सीट से पी.चिदंबरम ने लगातार 6 बार जीत हासिल की।

साल 1986 में उनको लोक-शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अलावा कार्मिक मंत्रालय का पद मिला। फिर साल अक्तूबर 1986 में चिदंबरम को केंद्रीय गृह मंत्रालय में आंतरिक सुरक्षा मंत्री का पदभार सौंपा गया। साल 2004 में मनमोहन सरकार में पी.चिदंबरम ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला। इस पद पर वह साल 2008 तक रहे। वहीं साल 2008 में पी.चिदंबरम को गृहमंत्री बनाया गया।

विवाद

हालांकि पी.चिदंबरम का विवादों से नाता कभी नहीं छूटा। उनपर संसद में हिंदी भाषी सासंद और हिंदुओं के खिलाफ टिप्पणी करने के आरोप लगे। इसके अलावा उन पर यह भी आरोप लगाया गया कि वह राजीव गांधी ट्रस्ट के निदेशकों में से एक हैं।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़