डीयू के पूर्व प्रोफेसर साईबाबा की मौत आंशिक रूप से यूएपीए का नतीजा: असदुद्दीन ओवैसी
हैदराबाद के सांसद ने कहा, “प्रोफेसर साईबाबा की मौत भी बेहद चिंताजनक है। उनकी मौत आंशिक रूप से यूएपीए का नतीजा है, जो पुलिस को बिना किसी सबूत के आपको लंबे समय तक जेल में रखने की अनुमति देता है।”
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के पूर्व प्रोफेसर जी.एन. साईबाबा की मौत आंशिक रूप से उस गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) का भी परिणाम है, जो अभियुक्तों को लंबी अवधि तक जेल में रखने की अनुमति देता है।
ओवैसी ने साईबाबा के निधन और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शनिवार रात ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “एक ही दिन में मौत की दो खबर वास्तव में खौफनाक है।”
साईबाबा का शनिवार रात यहां एक सरकारी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद की स्वास्थ्य जटिलताओं के कारण निधन हो गया।उन्हें माओवादियों से कथित संबंध मामले में सात महीने पहले बरी कर दिया गया था।
हैदराबाद के सांसद ने कहा, “प्रोफेसर साईबाबा की मौत भी बेहद चिंताजनक है। उनकी मौत आंशिक रूप से यूएपीए का नतीजा है, जो पुलिस को बिना किसी सबूत के आपको लंबे समय तक जेल में रखने की अनुमति देता है।”
अधिकारियों ने बताया कि शनिवार रात मुंबई के बांद्रा इलाके में तीन लोगों ने सिद्दीकी को गोली मार दी, जिसके बाद अस्पताल में उसकी मौत हो गई। ओवैसी ने बाबा सिद्दीकी की हत्या को “अत्यधिक निंदनीय” बताते हुए कहा, “यह महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को दर्शाता है। अल्लाह उन्हें मगफिरत अता करें। उनके परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों के प्रति मेरी संवेदनाएं।
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