पुलिस की पकड़ से दूर हैं बिहार के पूर्व मंत्री कार्तिकेय सिंह, कोर्ट ने जारी किया था वारंट
पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने इसको लेकर बड़ा बयान दिया है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के खिलाफ जमानती वॉरेंट जारी हुआ था। हमारी टीम मोकामा में उनके पैतृक गांव पर गई लेकिन वे नहीं मिले। कल कंकड़बाग में उनके घर पर टीम गई पर वे नहीं मिले।
बिहार के पूर्व मंत्री कार्तिकेय सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले तो उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। अब पुलिस उनकी तलाश कर रही है। दरअसल, नीतीश कुमार ने एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बना ली थी। इसके बाद राजद कोटे से आने वाले कार्तिकेय सिंह को मंत्री बनाया गया था। कार्तिकेय सिंह को कानून मंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी। हालांकि, कार्तिकेय सिंह के खिलाफ कोर्ट में लगातार कई मामले चल रहे थे। इसी को लेकर भाजपा ने जबरदस्त तरीके से नीतीश सरकार पर दबाव बनाया। इसके बाद कार्तिकेय का पहले तो विभाग बदलाव गया। बाद में उन्हें इस्तीफा भी देना पड़ा। फिलहाल कार्तिकेय सिंह को पुलिस हर जगह तलाश कर रही है। लेकिन ना ही वे अपने घर में मिले हैं। ना अपने गांव में मौजूद थे। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर कार्तिकेय सिंह कहा है?
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पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने इसको लेकर बड़ा बयान दिया है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के खिलाफ जमानती वॉरेंट जारी हुआ था। हमारी टीम मोकामा में उनके पैतृक गांव पर गई लेकिन वे नहीं मिले। कल कंकड़बाग में उनके घर पर टीम गई पर वे नहीं मिले। कोर्ट को सूचित कर दिया गया है, अगली सुनवाई 14 सितंबर को होगी। आपको बता दें कि कार्तिकेय सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। कार्तिकेय सिंह पर 2014 में राजीव रंजन उर्फ राजू सिंह के अपहरण का मामला चल रहा है। इसी मामले में अनंत सिंह को भी आरोपी बनाया गया है। राजू रंजन उर्फ राजू सिंह अनंत सिंह का काफी करीबी बताया जाता है। इसके अलावा कार्तिकेय सिंह भी अनंत सिंह के काफी करीबी है। फिलहाल कार्तिकेय सिंह बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं।
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भाजपा के सुशील मोदी ने तो यह तक आरोप लगा दिया था कि जिस दिन कार्तिकेय सिंह को अदालत में पेश होना था, उस दिन उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। जब मामला गर्म हुआ तो कार्तिकेय सिंह से कानून विभाग की जिम्मेदारी लेकर उन्हें गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी। कार्तिकेय सिंह के इस्तीफे के बाद भाजपा ने यह भी कहा था कि पहला विकेट गिर गया है। आने वाले दिनों में कई और विकेट गिरने वाले हैं। महागठबंधन के सहयोगी दल भाकपा माले ने भी कहा था कि कार्तिकेय सिंह को कानून मंत्री बनाए रखने से सरकार की छवि खराब होगी। कार्तिकेय सिंह को लेकर चौतरफा भाजपा नीतीश सरकार पर हमलावर थी।
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