राजस्थान: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष मेघवाल ने नेता प्रतिपक्ष कटारिया के खिलाफ लिखा पत्र
राजस्थान में भाजपा के वरिष्ठ नेता व विधायक कैलाश मेघवाल द्वारा विधानसभा में पार्टी के नेता गुलाब चंद कटारिया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने के लिए प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां को लिखा एक कतिपय पत्र मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
जयपुर। राजस्थान में भाजपा के वरिष्ठ नेता व विधायक कैलाश मेघवाल द्वारा विधानसभा में पार्टी के नेता गुलाब चंद कटारिया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने के लिए प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां को लिखा एक कतिपय पत्र मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। हालांकि, मेघवाल ने इस बारे में टिप्पणी से इनकार किया जबकि पूनियां ने कहा कि उन्हें ऐसा कोई पत्र अभी नहीं मिला है। वहीं, कटारिया ने कहा कि इस मामले में पार्टी जो भी फैसला करेगी वह उन्हें स्वीकार होगा। यह पत्र ऐसे समय में सामने आया है जब दो दिन बाद नौ सितंबर को राजस्थान विधानसभा का सत्र फिर से शुरू होने वाला है।
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मेघवाल व कटारिया दोनों ही राजस्थान भाजपा के कद्दावर नेता हैं। मेघवाल पिछली वसुंधरा राजे सरकार में विधानसभा के अध्यक्ष थे तो कटारिया मंत्री रहे। सोशल मीडिया पर वायरल इस पत्र में कथित तौर पर मेघवाल ने कहा है कि वह विधायक दल की बैठक में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव रखेंगे। पत्र के अनुसार, प्रस्ताव में कहा जाएगा, यह बैठक नेता प्रतिपक्ष द्वारा महाराणा प्रताप के लिए उपयोग किए गए अपमानजनक शब्दों, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के बारे में अनर्गल बयान और इसके कारण पिछले तीन उपचुनाव में वोटो से क्षरण के कारण हुई हानि के कारण नेता प्रतिपक्ष की निंदा करती है।
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पत्र पर चार सितंबर की तारीख है और इसके अनुसार मेघवाल इस मुद्दे को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा को भी पत्र लिख चुके हैं। मेघवाल ने कथित पत्र में कहा है कि चूंकि वह नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ निंदा प्रस्ताव ला रहे हैं इसलिए उस दिन विधायक दल की बैठक खुद पूनियां करें। पूनियां भी विधायक हैं। उल्लेखनीय है कि विधानसभा सत्र से पहले आमतौर पर भाजपा विधायक दल की बैठक होती है। हालांकि इस बार अभी इसकी तारीख तय नहीं की गई है। राजस्थान विधानसभा नौ सितंबर से फिर बैठेगी। इस बारे में जब पूर्व विधानसभा अध्यक्ष मेघवाल से बात की गई तो उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं कहकर बात करने से इनकार कर दिया।
वहीं प्रदेशाध्यक्ष पूनियां ने कहा कि उन्हें इस तरह का कोई पत्र अभी नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि वह पिछले कुछ दिन से पंचायत व जिला परिषद चुनाव में व्यस्त रहे और उन्हें ऐसे पत्र की जानकारी नहीं है। वहीं, पत्र के मीडिया में वायरल होने के बाद कटारिया ने एक बयान में कहा, इस कतिपय पत्र के बारे में पार्टी जो भी निर्णय करेगी मैं उसे सहर्ष स्वीकार करूंगा। उल्लेखनीय है कि भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह दो दिवसीय संगठनात्मक प्रवास पर आठ सितंबर को जयपुर आ रहे हैं। उनके इस प्रवास के दौरान भी उक्त पत्र को लेकर सवाल उठने की संभावना है। राजनीतिक जानकारों के अनुसार पार्टी के राजस्थान संगठन में सबकुछ ठीक दिखाने की कोशिश कर रहे पदाधिकारियों के लिए यह नया घटनाक्रम परेशान करने वाला है।
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