AAP के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को राहत, दिल्ली दंगों से जुड़े 5 मामलों में हाई कोर्ट से मिली जमानत
ये मामले हुसैन के घर की छत से दंगाई भीड़ द्वारा पथराव, पेट्रोल बम फेंकने और गोलियां चलाने के कारण दो लोगों के घायल होने और हत्या के प्रयास और शस्त्र अधिनियम के उल्लंघन के कथित अपराधों से भी संबंधित हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी 2020 में हुए दंगों से जुड़े पांच मामलों में जमानत दे दी है। दिल्ली दंगों के सिलसिले में सभी पांच एफआईआर एक ही साल में दयाल पुर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गईं थीं। न्यायमूर्ति अनीश दयाल ने बुधवार को मामलों में हुसैन की जमानत याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए कहा, "सभी 5 एफआईआर में शर्तों के अधीन जमानत दी गई है।"
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क्या हैं आरोप
ये मामले हुसैन के घर की छत से दंगाई भीड़ द्वारा पथराव, पेट्रोल बम फेंकने और गोलियां चलाने के कारण दो लोगों के घायल होने और हत्या के प्रयास और शस्त्र अधिनियम के उल्लंघन के कथित अपराधों से भी संबंधित हैं। हुसैन सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने के आरोप में भी मुकदमे का सामना कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने 2 जून, 2020 को दिल्ली दंगों के मामले में दो आरोपपत्र दायर किए। एक आरोपपत्र में उन्होंने ताहिर हुसैन को मुख्य साजिशकर्ता बताया। पुलिस जांच के अनुसार, उत्तरपूर्वी दिल्ली में दंगे कराने की ''गहरी साजिश'' थी।
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ये है मामला
पुलिस के मुताबिक आम आदमी पार्टी के नेता और ईडीएमसी में तत्कालिन पार्षद ताहिर हुसैन ने इस घटना में अहम भूमिका निभाई। उनके छोटे भाई शाह आलम को भी गिरफ्तार कर लिया गया। हुसैन की लाइसेंसी पिस्तौल, जिसका इस्तेमाल उन्होंने दंगों के दौरान किया था, जांच के दौरान जब्त कर ली गई। मार्च में, दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में ताहिर हुसैन और 10 अन्य के खिलाफ हत्या के आरोप तय किए थे। नागरिकता कानून समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा नियंत्रण से बाहर होने के बाद 24 फरवरी, 2020 को पूर्वोत्तर दिल्ली में सांप्रदायिक झड़पें भड़क उठीं, जिसमें कम से कम 53 लोग मारे गए और लगभग 700 घायल हो गए।
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