केंद्र सरकार ने कर्नाटक मॉडल की जमकर की तारीफ, दूसरे राज्यों को सीखने की दी सलाह

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कर्नाटक सरकार ने तकरीबन डेढ़ करोड़ घरों का सर्वे किया और लक्षण मिलने पर तुरंत लोगों को क्वारंटीन किया। सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों के चलते ही कोरोना दूसरे राज्यों की तुलना में कर्नाटक में काफी कम है।

बेंगलुरू। कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच केंद्र सरकार ने राज्यों से कर्नाटक मॉडल अपनाने की अपील की है। बता दें कि केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा कि वह कर्नाटक मॉडल अपनाकर कोरोना पर काबू पाने का प्रयास करें। दरअसल, कर्नाटक की बीएस येदियुरप्पा की सरकार ने कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, कोविड-19 के लक्षण मिलने पर क्वारंटीन और डोर-टू-डोर जाकर सर्वे जैसे तरीकों को अपनाया। जिसकी वजह से कोरोना पर काबू पाया जा सका।

कर्नाटक सरकार ने तकरीबन डेढ़ करोड़ घरों का सर्वे किया और लक्षण मिलने पर तुरंत लोगों को क्वारंटीन किया। सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों के चलते ही कोरोना दूसरे राज्यों की तुलना में कर्नाटक में काफी कम है। ठीक ऐसा ही मॉडल को मुंबई के धारावी में भी इस्तेमाल किया गया। वहां पर संक्रमित व्यक्तियों की तलाश की गई और उनके संपर्क में आए लोगों को खोजकर तुरंत पास के स्कूलों में क्वारंटीन कर दिया गया। जिसकी वजह से वहां के कोरोना केस एक तिहाई हो गए हैं। 

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देश में कोरोना संक्रमण से मौत का पहला मामला कर्नाटक में ही आया था इसके बावजूद कर्नाटक के हालात बाकी दूसरे राज्यों की तुलना में काफी बेहतर है और संक्रमण के केस भी नियंत्रित दिखाई दे रहे हैं। मार्च के दूसरे सप्ताह में मौत का पहला मामला सामने आने के बावजूद राज्य में अबतक 124 मरीजों ने दम तोड़ा है जबकि सर्वाधिक मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं।

कर्नाटक सरकार ने सरकारी एजेंसियों और टेक्नॉलजी की मदद से मरीजों के संपर्क में आए लोगों की तलाश की और उन्हें तुरंत ही क्वारंटीन कर दिया गया। महज कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए करीब 10 हजार प्रफेशनल्स काम कर रहे हैं और तो और मोबाइल ऐप का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। 

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इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन अनिवार्य

कर्नाटक सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि चेन्नई और दिल्ली आने वाले लोगों को 3 दिन के लिए इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन जबकि महाराष्ट्र से आने वाले लोगों को सात दिनों तक इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन रहना पड़ेगा। इतना ही नहीं प्रदेश सरकार न तो इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन के बाद होम क्वारंटीन में रहने को अनिवार्य कर दिया है। हालांकि दोनों क्वारंटीन को मिलाकर दूसरे राज्यों से लौटे व्यक्तियों को महज 14 दिन तक क्वारंटीन में रहना होगा। वहीं सरकार ने एक टीम भी बनाई है दो ऐसे लोगों पर नजर रखने का काम कर रही है। इसके साथ ही दूसरे राज्यों से आए लोगों को सेवा सिंधु पोर्टल पर रजिस्टर करने को कहा जा रहा है।

मिली जानकारी के मुताबिक कर्नाटक में जो भी मरीज क्वारंटीन का उल्लंघन करेगा उसे इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन में भेज जाएगा। 

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संक्रमितों की संख्या 8 हजार के पार

कर्नाटक में अभी तक कोविड-19 के कुल 8,281 मामलों की पुष्टि हो चुकी है जिसमें 124 मरीजों की मौत हो गई और 5,210 मरीजों को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। सरकारी बुलेटिन में बताया गया कि अभी राज्य में 2,943 मरीजों का उपचार चल रहा है जिसमें से 2,865 मरीज निर्दिष्ट अस्पतालों में आइसोलेशन में रखे गए हैं और उनकी हालत स्थिर है जबकि 78 मरीज गहन चिकित्सा कक्ष में हैं।

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