केंद्र का राज्यों को निर्देश, होम क्वॉरेंटाइन के गाइडलाइन का सख्ती से हो पालन
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने राज्यों को लिखे पत्र में कहा, ‘‘हम जांच करने, संपर्क में आए लोगों का पता लगाने और पृथक करने की नीति का मिलकर पालन कर रहे हैं और अगर जारी किए गए दिशा निर्देशों का पूरी तरह से पालन नहीं किया जाता तो यह संभव नहीं होगा।”
नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए घर पर पृथक-वास करने संबंधी उसके दिशा निर्देशों को पूरी तरह से लागू किया जाए। एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को कहा गया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 10 मई को पृथक-वास पर संशोधित दिशा निर्देश जारी किए जो अब तक प्रभावी हैं। दिशा निर्देशों के अनुसार कोविड-19 के हल्के लक्षण वाले मरीज घर पर पृथक-वास कर सकते हैं जिसके लिए मरीज को एक कमरा और शौचालय की सुविधा उपलब्ध हो और उसकी देखभाल के लिए एक वयस्क व्यक्ति मौजूद हो।
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साथ ही मरीज अपने स्वास्थ्य की निगरानी और जिला निगरानी अधिकारी को नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की सूचना देने पर राजी होना चाहिए। सरकार ने कहा कि संशोधित दिशा निर्देश में एक महत्वपूर्ण उपखंड यह है कि इलाज कर रहा डॉक्टर मरीज की चिकित्सा जांच और उसके आवास का आकलन करने के बाद उसके घर पर पृथक वास करने के बारे में सहमत होना चाहिए। इसमें कहा गया है कि मरीज को पृथक-वास पर एक हलफनामा देना होगा और घर पर अलग रहने संबंधी दिशा निर्देशों का पालन करना होगा। इसमें कहा गया है, ‘‘इस संबंध में कुछ ऐसी घटनाएं देखी गईं जहां कुछ राज्यों में घर पर पृथक-वास की अनुमति दी गई और संशोधित दिशा निर्देशों के खंडों का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया।’’ केंद्र ने कहा कि इससे परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों के बीच यह संक्रामक रोग फैल सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 वैश्विक महामारी को फैलने से रोकने के लिए जमीनी स्तर पर दिशा निर्देशों का सख्त कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का राज्यों से अनुरोध किया है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने राज्यों को लिखे पत्र में कहा, ‘‘हम जांच करने, संपर्क में आए लोगों का पता लगाने और पृथक करने की नीति का मिलकर पालन कर रहे हैं और अगर जारी किए गए दिशा निर्देशों का पूरी तरह से पालन नहीं किया जाता तो यह संभव नहीं होगा।” उन्होंने कहा, ‘‘यह दोहराया जाता है कि शहरी क्षेत्रों में तंग जगहों पर रहने वाले लोगों द्वारा पृथक-वास के विकल्प को चुनने से मरीज संक्रमण को परिवार के सदस्य तथा पड़ोसियों तक फैला सकता है। इस संदर्भ में हम घर पर पृथक रहने पर दिशा निर्देशों को जमीनी स्तर पर सख्ती से लागू करने का अनुरोध करते हैं।
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