Delhi में बाढ़ का खतरा, यमुना नदी का जलस्तर 1978 के रिकॉर्ड पर पहुंचा, पुराना रेलवे ब्रिज बंद

yamuna water
ANI
अंकित सिंह । Jul 12 2023 12:42PM

उफनती यमुना नदी का पानी रिंग रोड तक पहुंच गया है और इसे रोकने के लिए प्रशासन की ओर से जगह-जगह रेत की बोरियां डलवाई जा रही हैं. लोगों को निकालने और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए भारी मशीनरी तैनात की गई है।

पुरानी दिल्ली रेलवे ब्रिज पर यमुना नदी का जलस्तर बुधवार तड़के 207 मीटर के स्तर को पार कर गया। फिलहाल इसके और बढ़ने की आशंका है, जिससे राजधानी में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। उच्चतम बाढ़ स्तर का रिकॉर्ड 207.49 मीटर है। अब यह 207.48 तक पहुंच गया है। 1978 के रिकॉर्ड की बराबरी पर पहुंच हया है। यमुना बाजार इलाकों के घरों में यह पानी घुस चुका है।  सुबह 10.45 बजे तक यमुना का जलस्तर 207.37 मीटर था। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के बाढ़-निगरानी पोर्टल के अनुसार, पुराने रेलवे ब्रिज पर जल स्तर 2013 के बाद पहली बार सुबह 4 बजे 207 मीटर के निशान को पार कर गया और बुधवार सुबह 8 बजे तक बढ़कर 207.25 मीटर हो गया।

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बढ़ रहा पानी

उफनती यमुना नदी का पानी रिंग रोड तक पहुंच गया है और इसे रोकने के लिए प्रशासन की ओर से जगह-जगह रेत की बोरियां डलवाई जा रही हैं। लोगों को निकालने और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए भारी मशीनरी तैनात की गई है। यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने से आईटीओ छठ घाट जलमग्न हो गया है। बैठने के लिए बनी बेंचें भी पानी में डूब गईं। सुबह आठ बजे तक यमुना का जलस्तर 207.25 मीटर तक पहुंच गया था। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि उम्मीद है कि नदी बुधवार दोपहर तक 207.35 मीटर तक बढ़ जाएगी और आगे भी बढ़ती रहेगी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बारिश के कारण यमुना नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। नदी किनारे के सभी पुलिस स्टेशनों को इलाके में निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। 

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पुराना रेलवे ब्रिज बंद

पिछले साल सितंबर में यमुना ने दो बार खतरे के निशान को पार किया था और जलस्तर 206.38 मीटर तक पहुंच गया था। सोमवार की रात नदी निकासी के निशान 206 मीटर को पार कर गई थी, जिससे बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना पड़ा। विभाग ने मंगलवार शाम को कहा कि निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को ऊंचाई वाले सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। पुराने रेलवे ब्रिज को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। अतिरिक्त पानी छोड़ने और लंबे समय तक उच्च जल स्तर को रोकने के लिए ओखला बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं।

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