फाइबरनेट मामला: शीर्ष अदालत ने आंध्र प्रदेश पुलिस से चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार नहीं करने को कहा

Chandrababu Naidu
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फाइबरनेट मामला पसंदीदा कंपनी को 330 करोड़ रुपये की ‘एपी फाइबरनेट’ परियोजना के चरण-1 के तहत कार्य आदेश आवंटित करने में निविदा में कथित हेरफेर से संबंधित है। आंध्र प्रदेश पुलिस के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने आरोप लगाया कि निविदा आवंटित करने से लेकर परियोजना को पूरा करने तक अनियमितताएं हुईं।

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश पुलिस से कहा कि वह कौशल विकास घोटाला मामले में याचिका पर फैसला आने तक फाइबरनेट मामले में तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को गिरफ्तार न करे। न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने फाइबरनेट मामले में नायडू की अग्रिम जमानत संबंधी याचिका को नौ नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया और आंध्र प्रदेश पुलिस से कहा, ‘‘पूर्व में दी गई व्यवस्था को बरकरार रखें।’’

पीठ ने आंध्र प्रदेश पुलिस के 13 अक्टूबर के बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उसने कहा था कि पुलिस नायडू को हिरासत में नहीं लेगी। न्यायमूर्ति बोस ने कहा कि चूंकि आदेश एक अन्य याचिका पर सुरक्षित रखा गया है, इसलिए यह उचित होगा कि अदालत के फैसला सुनाए जाने के बाद नायडू की तत्काल याचिका पर विचार किया जाए। नायडू की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि वह (नायडू) कौशल विकास घोटाला मामले में पहले से ही हिरासत में हैं इसके बावजूद पुलिस फाइबरनेट मामले में उन्हें हिरासत में लेना चाह रही है।

आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने कहा कि चूंकि नायडू पहले से ही एक मामले में हिरासत में है, इसीलिए फाइबरनेट मामले में पूछताछ के लिए हिरासत के वास्ते अदालत से अनुमति मांगी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अदालत के फैसले का इंतजार करने में कोई समस्या नहीं है। पीठ ने कहा,‘‘पूर्व में दी गई व्यवस्था को बरकरार रखें।’’ इसके बाद सुनवाई को स्थगित कर दिया गया। आंध्र प्रदेश पुलिस ने 13 अक्टूबर को उच्चतम न्यायालय से कहा था कि कौशल विकास निगम घोटाले से संबंधित मामला शीर्ष अदालत में लंबित होने के कारण वह फाइबरनेट मामले में चंद्रबाबू नायडू को 18 अक्टूबर तक गिरफ्तार नहीं करेगी।

फाइबरनेट मामला पसंदीदा कंपनी को 330 करोड़ रुपये की ‘एपी फाइबरनेट’ परियोजना के चरण-1 के तहत कार्य आदेश आवंटित करने में निविदा में कथित हेरफेर से संबंधित है। आंध्र प्रदेश पुलिस के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने आरोप लगाया कि निविदा आवंटित करने से लेकर परियोजना को पूरा करने तक अनियमितताएं हुईं, जिससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ। नायडू (73) को 2015 में मुख्यमंत्री रहते हुए कौशल विकास निगम से कथित रूप से धन का गबन करने के मामले में नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। इस कथित घोटाले से सरकारी खजाने को 371 करोड़ रुपये का नुकसान होने का दावा किया गया। नायडू राजामहेंद्रवरम केंद्रीय जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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