फारूक अब्दुल्ला बोले- फरमानों से तिरंगा नहीं उड़ सकता, तिरंगा तो दिल में उड़ना चाहिए तब बात बनेगी
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पहलगाम के एक मुसलमान ने उस गुफा (अमरनाथ गुफा) में लिंगम देखा था और उसने कश्मीरी पंडितों को सूचित किया। कभी किसी मुसलमान ने किसी धर्म के खिलाफ उंगली नहीं उठाई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हां, 90 के दशक में एक लहर थी लेकिन यह कहीं से आई थी। उसका खामियाजा हम आज भी भुगत रहे।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने आज एक बड़ा बयान दिया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने कहा कि ये मुल्क मोहब्बत से तरक्की करेगा। आने वाला समय अच्छा होगा सिर्फ हमारा ईमान और रास्ता सही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र ही है जो हमारा संविधान है और हम उसे प्रोटेक्ट भी करेंगे। हम अमन चाहते हैं हम भाईचारे के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि फरमानों से तिरंगा नहीं उड़ सकता... तिरंगा तो दिल में उड़ना चाहिए तब बात बनेगी।
फारुख अब्दुल्ला के बयान को धारा 370 से जोड़कर देखा जा रहा है। फारुख अब्दुल्ला लगातार जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का विरोध कर रहे हैं। दूसरी ओर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने अमरनाथ यात्रा को लेकर भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पहलगाम के एक मुसलमान ने उस गुफा (अमरनाथ गुफा) में लिंगम देखा था और उसने कश्मीरी पंडितों को सूचित किया। कभी किसी मुसलमान ने किसी धर्म के खिलाफ उंगली नहीं उठाई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हां, 90 के दशक में एक लहर थी लेकिन यह कहीं से आई थी। उसका खामियाजा हम आज भी भुगत रहे।
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पीएजीडी मिलकर लड़ेगा जम्मू-कश्मीर का चुनाव
नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने कहा कि गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) जम्मू-कश्मीर में संयुक्त रूप से विधानसभा चुनाव लड़ेगा। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) दोनों पीएजीडी के प्रमुख घटक दल हैं। नेकां अध्यक्ष एवं पीएजीडी के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा, हम एक साथ चुनाव लड़ेंगे। एक राजनीतिक दल है जिसने कहा कि उसने गठबंधन छोड़ दिया है। सच्चाई यह है कि वे कभी गठबंधन का हिस्सा नहीं थे। वे हमें भीतर से तोड़ने आए थे। पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी इसी तरह की बात कही। महबूबा ने कहा, हम एक साथ चुनाव लड़ने का इरादा रखते हैं क्योंकि यह लोगों की इच्छा है कि हमें अपनी खोई हुई गरिमा की बहाली के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए। अब्दुल्ला ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार जब चाहे चुनाव करा सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, जब बाढ़ आई थी तब चुनाव हुए थे। अब चुनाव क्यों नहीं हो सकते? सवाल यह है कि वे चुनाव कैसे लड़ना चाहते हैं।
#WATCH | A Muslim from Pahalgam had spotted lingam in that cave (Amarnath cave) and he informed Kashmiri Pandits...Never has a Muslim pointed a finger against any religion...Yes, there was a wave in the 90s but it had come from somewhere else...: NC chief Farooq Abdullah, in J&K pic.twitter.com/ik2CzeC2FB
— ANI (@ANI) July 4, 2022
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