लाहौल-स्पीति में प्रवेश करने के लिए बाहरी राज्यो के सैलानियों को अब टैक्स देना होगा
लाहौल के प्रवेश द्वार पर स्थित अटल टनल के नॉर्थ पोर्टल के समीप विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) के तहत बैरियर स्थापित किया गया है। इसके तहत एकत्र की जाने वाली राशि स्थानीय क्षेत्र में विकास और सुविधाओं पर खर्च की जाएगी। अटल टनल रोहतांग के बनने के बाद लाहौल-स्पीति में सैलानियों की संख्या में इजाफा हुआ है। पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त हों, इसके लिए प्रशासन ने नॉर्थ पोर्टल के समीप साडा का बैरियर स्थापित किया है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में प्रवेश करने के लिए बाहरी राज्यो के सैलानियों को अब टैक्स देना होगा।
लाहौल के प्रवेश द्वार पर स्थित अटल टनल के नॉर्थ पोर्टल के समीप विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण (साडा) के तहत बैरियर स्थापित किया गया है। इसके तहत एकत्र की जाने वाली राशि स्थानीय क्षेत्र में विकास और सुविधाओं पर खर्च की जाएगी। अटल टनल रोहतांग के बनने के बाद लाहौल-स्पीति में सैलानियों की संख्या में इजाफा हुआ है। पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त हों, इसके लिए प्रशासन ने नॉर्थ पोर्टल के समीप साडा का बैरियर स्थापित किया है।
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हिमाचल प्रदेश का जिला लाहौल स्पीति एक तरह से ठंडा रेगिस्तान है क्योंकि यहां बारिश कभी कभार ही बड़ी मुश्किल से होती है। लिहाजा लाहौल-स्पीति घूमने जाना अडवेंचरस अनुभव हो सकता है। यहां के पहाड़ और पर्वत श्रृंखला पूरी तरह से बंजर हैं और शायद ही कोई पेड़-पौधा आपको यहां नजर आएगा। यहां किसी भी मौसम में बर्फबारी देखने को मिलती है। ट्रेकिंग में दिलचस्पी है तब भी स्पीति वैली आपके लिए घूमने की बेहतरीन जगह हो सकती है। यहां पहाड़ों से नीचे उतरती नदियां भी तेज धार के साथ बहती हैं और यहां आसमां का रंग भी कुछ अलग ही नीला है जो बाकी जगहों से बिलकुल अलग है।
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चारों तरफ झीलों, दर्रो और हिमखंडों से घिरी, आसमान छूते शैल-शिखरों के दामन में बसी लाहौल-स्पीति घाटियां अपने जादुई सौंदर्य और प्रकृति की विविधताओं के लिए विख्यात हैं। हिंदू और बौद्ध परंपराओं का अनूठा संगम बनी इन घाटियों में प्रकृति विभिन्न मनभावन परिधानों में नजर आती है। कहीं आकाश छूती चोटियों के बीच झिलमिलाती झीलें हैं तो कहीं बर्फीला रेगिस्तान दूर तक फैला नजर आता है। कहीं पहाड़ों पर बने मंदिर व गोम्पा और इनमें बौद्ध मंत्रों की गूंज के साथ-साथ वाद्ययंत्रों के सुमधुर स्वर एक आलौकिक अनुभूति से भर देते हैं तो कहीं जड़ी बूटियों की सौंधी-सौंधी महक और बर्फ-बादलों की सौंदर्य रंगत देखते ही बनती है।
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