शिवराज सरकार और शराब कारोबारियों में ठनी, अभी तक सरकार को 600 करोड़ का राजस्व घाटा
लेकिन इसके बावजूद भी विवाद नहीं सुलझ पाया है। इस दौरान भोपाल, इंदौर, उज्जैन, शहडोल, छिंदवाड़ा, ग्वालियर, सिंगरौली, दतिया, सीधी, अनूपपूर और शिवपुरी की दुकानें बंद हो चुकी है। जबकि हरदा, रायसेन, खरगोन में दुकानें खुलेंगी। प्रदेश में 3605 शराब दुकानें है। इसमें विदेशी 1061 और देशी 2544 दुकानें है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार और शराब कारोबारियों के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। जहाँ अपनी माँगों को लेकर शराब व्यवसायी हाई कोर्ट की शरण में चले गए है तो वही दूसरी तरफ लॉकडाउन शुरू होने से लेकर अब तक राज्य सरकार को 600 करोड़ रूपए का राजस्व घाटे का अनुमान है। शराब ठेकेदारों ने मांगें पूरी नहीं होने के चलते सोमवार शाम से शराब दुकानें बंद कर दी हैं। मंगलवार को राज्य में 70% दुकानें बंद हो चुकी हैं, बाकी बुधवार तक बंद हो जाएंगी। हालांकि कुछ शराब ठेकेदार इस फैसले के खिलाफ हैं।
इसी माह 05 मई को सरकार और ठेकेदारों के बीच सहमति के बाद दुकानें खुलनी शुरू हुई थीं। इसके बावजूद मई माह तक सरकार को 600 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा हुआ है। वही शराब ठेकेदार लॉकडाउन में लाइसेंस फीस को लेकर हाईकोर्ट में अर्जी लगा चुके हैं। इस पर 27 मई को हाईकोर्ट सुनवाई करेगा। ठेकेदार लॉकडाउन में लाइसेंस फीस कम करने, शराब की वास्तविक बिक्री पर एक्साइज ड्यूटी लेने आदि मांग कर रहे हैं।
जबकि सरकार ने 10% महंगी दरों और दो महीने का ठेका अवधि बढ़ाने पर मंजूरी दी है, लेकिन इसके बावजूद भी विवाद नहीं सुलझ पाया है। इस दौरान भोपाल, इंदौर, उज्जैन, शहडोल, छिंदवाड़ा, ग्वालियर, सिंगरौली, दतिया, सीधी, अनूपपूर और शिवपुरी की दुकानें बंद हो चुकी है। जबकि हरदा, रायसेन, खरगोन में दुकानें खुलेंगी। प्रदेश में 3605 शराब दुकानें है। इसमें विदेशी 1061 और देशी 2544 दुकानें है।
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