मध्य प्रदेश में बिजली कंपनियां टैरिफ बढ़ाने की तैयारी में, उपभोक्ताओं पर बढे़गा बोझ
जानकारी के अनुसार पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी की ओर से तैयार कराई जा रही टैरिफ याचिका में इस बार औसतन सात प्रतिशत तक बिजली की दरें बढ़ाने की तैयारी है लेकिन वही बिजली कंपनी के अधिकारी इसे तीन से चार प्रतिशत तक बढाने की बात कह रहे है। इसके लिए प्रदेश की तीनों वितरण कम्पनियों से लेखा-जोखा मांगा गया है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में सात माह पहले सरकार बदलने के बाद से अटका हुआ बिजली का नया टैरिफ लागू करने की तैयारी तेज हो गई है। एक अनुमान के अनुसार सात फीसदी तक बिजली कंपनियां टैरिफ की दरें बढ़ा सकती है। राज्य सरकार उप चुनाव को देखते हुए इस फैसले को टाल रही थी। वही उप चुनाव होने के बाद अब जल्द ही टैरिफ बढ़ाने पर विचार चल रहा है, जो बिजली उपभोक्ताओं के लिए भार बढ़ाने वाला होगा। बिजली कंपनियों द्वारा टैरिफ बढ़ाए जाने की असली वजह यह है कि जहाँ सरकार आर्थिक संकट से गुजर रही है और इस साल आठ महीने में मध्य प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों को दो हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।
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जानकारी के अनुसार पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी की ओर से तैयार कराई जा रही टैरिफ याचिका में इस बार औसतन सात प्रतिशत तक बिजली की दरें बढ़ाने की तैयारी है लेकिन वही बिजली कंपनी के अधिकारी इसे तीन से चार प्रतिशत तक बढाने की बात कह रहे है। इसके लिए प्रदेश की तीनों वितरण कम्पनियों से लेखा-जोखा मांगा गया है। उन्हें 30 नवम्बर तक विद्युत नियामक आयोग के समक्ष याचिका दायर करना है।
मौजूदा वित्तीय वर्ष 2020-21 में बिजली कम्पनियों ने औसत 5.25 प्रतिशत बिजली के दाम बढ़ाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इस पर निर्णय नहीं हो पाया। लगभग तीन हजार करोड़ रुपए के घाटा की भरपाई के लिए इस बार बिजली बिलों के दामों में बढ़ोत्तरी होना तय माना जा रहा है।
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पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी की ओर से अगले वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए टैरिफ बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें बीते सालों में हुए नुकसान को जोड़कर बिजली की कीमत तय करने की तैयारी है। तीन हजार रुपए से अधिक घाटे की भरपाई के लिए अलग-अलग श्रेणी में चार से 12 प्रतिशत तक कीमत बढ़ाने की तैयारी है। औसतन ये सात प्रतिशत के आसपास रहेगी।
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