बिजली (संशोधन) विधेयक के प्रावधान देशहित में नहीं, राज्यों के साथ भी नहीं की गई चर्चा: संजय राउत

Sanjay Raut

शिवसेना सांसद संजय राउत ने संवाददाताओं से बातचीत में दावा कि यदि यह विधेयक पारित होता है, तो इससे राज्य बिजली कंपनियां बुरी तरह प्रभावित होंगी।

मुंबई। शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि केंद्र का बिजली (संशोधन) विधेयक देशहित में नहीं हैं। उन्होंने दावा किया कि इस विधेयक पर राज्यों के साथ चर्चा नहीं की गई। इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस विधेयक को रोकने का आग्रह किया। बनर्जी ने कहा कि इस मुद्दे पर पहले व्यापक और पारदर्शी तरीके से विचार-विमर्श होना चाहिए। बिजली (संशोधन) विधेयक, 2021 के तहत बिजली उपभोक्ताओं को दूरसंचार क्षेत्र की तरह अपनी पसंद के सेवाप्रदाता को चुनने का विकल्प मिलेगा। लोकसभा के 12 जुलाई, 2021 को जारी बुलेटिन के अनुसार, सरकार ने संसद के मौजूदा सत्र में 17 नए विधेयक पेश करने के लिए सूचीबद्ध किए हैं। इनमें बिजली (संशोधन) विधेयक भी है। 

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राउत ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में दावा कि यदि यह विधेयक पारित होता है, तो इससे राज्य बिजली कंपनियां बुरी तरह प्रभावित होंगी। राज्यसभा सदस्य ने इसके प्रावधानों पर राज्यों और अंशधारकों के साथ विचार-विमर्श नहीं करने पर केंद्र की आलोचना की। उन्होंने कहा कि ये प्रावधान राज्य बिजली कंपनियों के लिए खतरे की घंटी हैं। हमारी पार्टी इस बारे में विचार-विमर्श कर रही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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