चुनाव आयोग ने DMK के ए राजा पर 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार करने पर रोक लगाई
आदेश के मुताबिक, राजा ने 31 मार्च को सौंपे गये अपने अंतरिम जवाब मेंआरोपों से इनकार किया था और अपनी कथित अशोभनीय टिप्पणी के पूरे विवरण की प्रति, अन्नाद्रमुक की शिकायत की प्रति मांगी थी तथा विस्तृत जवाब देने का मौका दिये जाने का अनुरोध किया था।
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हालांकि, आदेश में पाबंदी के समाप्त होने के सटीक समय के बारे में नहीं बताया गया है, लेकिन यदि राजा को आज दोपहर आदेश की प्रति मिल गई है तो वह तीन अप्रैल दोपहर तक प्रचार नहीं कर सकते हैं। ऐसे उदाहरण रहे हैं, जब चुनाव आयोग ने पाबंदी समाप्त होने के सटीक समय का उल्लेख किया है। बहरहाल, 48 घंटे की पाबंदी का यह अर्थ है कि राजा तीन अप्रैल तक कोई जन सभा, रैली, संवाददाता सम्मेलन नहीं कर सकते हैं और ना ही मीडिया को साक्षात्कार दे सकते हैं। यदि कोई नेता स्टार प्रचारक है, तो उसके प्रचार का खर्च पार्टी द्वारा उठाया जाता है, ना कि उम्मीदवार के खुद के द्वारा। तमिलनाडु में एक ही चरण में छह अप्रैल को विधानसभा चुनाव होने वाला है, जिसके लिए चुनाव प्रचार चार अप्रैल की शाम समाप्त हो जाएगा।
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आदेश के मुताबिक, राजा ने 31 मार्च को सौंपे गये अपने अंतरिम जवाब मेंआरोपों से इनकार किया था और अपनी कथित अशोभनीय टिप्पणी के पूरे विवरण की प्रति, अन्नाद्रमुक की शिकायत की प्रति मांगी थी तथा विस्तृत जवाब देने का मौका दिये जाने का अनुरोध किया था। उन्होंने अपने वकील के साथ व्यक्तिगत सुनवाई की अनुमति मांगी थी। चुनाव आयोग ने उनके जवाब के संतोषजनक नहीं होने का जिक्र करते हुए कहा कि अधिक विवरण एवं वक्त मांगना समय को खींचने की कोशिश है, लेकिन चुनाव के बीच आयोग इसकी अनुमति नहीं दे सकता है। चुनाव आयोग ने इससे पहले राजा को अपने नोटिस में 26 मार्च को थाउजैंड्स लाइट्स विधानसभा क्षेत्र में उनके भाषण के अंश दिये थे। उनके भाषणों का हवाला देते हुए आयोग ने यह जिक्र किया था कि राजा ने कथित तौर पर कहा था कि द्रमुक नेता एमके ‘‘स्टालिन अच्छे संबंध से पैदा हुए बच्चे हैं,जबकि पलानीस्वामी खराब संबंध से पैदा हुए बच्चे हैं।
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