बैंक धोखाधड़ी के मामले 5 राज्यों में ED की कार्रवाई, 503 करोड़ की संपत्ति जब्त
कॉरपोरेट पावर लिमिटेड और उसके निदेशकों की जांच के हिस्से के रूप में संपत्ति, भवन, बैंक शेष, म्यूचुअल फंड और शेयर - महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और आंध्र प्रदेश के विभिन्न स्थानों से बरामद की गईं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक हाई-प्रोफाइल बैंक धोखाधड़ी मामले में नागपुर स्थित व्यवसायी मनोज जयसवाल, उनकी बिजली कंपनी, कॉर्पोरेट पावर लिमिटेड और इसके अन्य प्रमोटरों की 503.16 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। कॉरपोरेट पावर लिमिटेड और उसके निदेशकों की जांच के हिस्से के रूप में संपत्ति, भवन, बैंक शेष, म्यूचुअल फंड और शेयर - महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और आंध्र प्रदेश के विभिन्न स्थानों से बरामद की गईं।
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ईडी की जांच यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की एक शिकायत के बाद आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में कॉरपोरेट पावर लिमिटेड और उसके मालिकों के खिलाफ दर्ज की गई सीबीआई एफआईआर से शुरू हुई है। आरोप है कि आरोपियों ने ऋण प्राप्त करने के लिए परियोजना लागत विवरण में हेरफेर किया और बैंक धन का दुरुपयोग किया, जिससे 4,037 करोड़ रुपये (ब्याज सहित 11,379 करोड़ रुपये) का गलत नुकसान हुआ।
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इससे पहले इस मामले में ईडी ने नागपुर, कोलकाता और विशाखापत्तनम में तलाशी ली थी, विभिन्न दस्तावेजों को जब्त किया था और अपराध की आय को जब्त कर लिया था - सूचीबद्ध शेयरों और प्रतिभूतियों, म्यूचुअल फंड, सावधि जमा और बैंक शेष में कुल 223.33 करोड़ रुपये। 55.85 लाख रुपये की नकदी भी जब्त की गई।
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