सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए किसी को भुगतान नहीं करें: ममता ने संदेशखली निवासियों से कहा

Mamata
प्रतिरूप फोटो
ANI

टीएमसी के स्थानीय नेताओं द्वारा कथित तौर पर जमीन हड़पने और महिलाओं के यौन उत्पीड़न को लेकर इस साल की शुरुआत में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद संदेशखली के पहले दौरे पर पहुंचीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्थानीय लोगों से कहा कि वे किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए किसी को भी भुगतान न करें।

संदेशखली (पश्चिम बंगाल) । तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं द्वारा कथित तौर पर जमीन हड़पने और महिलाओं के यौन उत्पीड़न को लेकर इस साल की शुरुआत में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद संदेशखली के पहले दौरे पर पहुंचीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्थानीय लोगों से कहा कि वे किसी भी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए किसी को भी भुगतान न करें। बनर्जी ने सार्वजनिक वितरण कार्यक्रम की अध्यक्षता करने के लिए उत्तर 24 परगना जिले में सुंदरबन की सीमा पर स्थित द्वीप का दौरा किया।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम जो कल्याणकारी योजनाएं चला रहे हैं, उनके लिए किसी को पैसे न दें। ये कार्यक्रम सरकार द्वारा चलाए जाते हैं और पैसा राज्य का है। आपको सीधे अपने बैंक खातों के माध्यम से लाभ मिल रहा है। इसे याद रखें। पैसा लोगों का है। यह आपका अधिकार है।’’ उन्होंने स्थानीय महिलाओं से भी आग्रह किया कि अगर कोई उन्हें किसी कारण से बुलाता है तो वे ध्यान न दें। बनर्जी ने आरोप लगाया कि संदेशखली में विरोध प्रदर्शन को भड़काने के लिए भारी मात्रा में धन का इस्तेमाल किया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे कहूंगी कि साथ रहें। शरारती लोगों से सावधान रहें और अगर कोई बुलाये तो महिलाओं को नहीं जाना चाहिए। अगर आप राज्य द्वारा संचालित किसी योजना के लिए पंजीकरण चाहते हैं, तो दुआरे सरकार आपके पास आएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि आंदोलन के पीछे एक बड़ा खेल था और पैसे का खेल चल रहा था। बाद में लोगों को एहसास हुआ कि पूरा मामला झूठ था। सच्चाई आखिरकार सामने आ ही जाती है।’’ इस साल की शुरुआत में संदेशखली में स्थानीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं द्वारा कथित तौर पर जमीन हड़पने और महिलाओं के यौन उत्पीड़न को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे।

बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं इन चीजों को ध्यान में नहीं रखना चाहती। मैं चाहती हूं कि संदेशखली तरक्की करे और स्थानीय लड़कियां और लड़के सफलता हासिल करें। यह दंगों की जगह नहीं है। हम शांति चाहते हैं और हम बर्बादी नहीं चाहते हैं।’’ इस साल जनवरी में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अधिकारियों पर हमला किया गया था और उनके वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था, जब वे करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में अब निलंबित टीएमसी नेता शेख शाहजहां के संदेशखली स्थित आवास पर छापेमारी करने गए थे। इसके बाद, इलाके की कई महिलाओं ने दावा किया कि शाहजहां और उसके आदमियों ने जमीन के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है और उनका यौन उत्पीड़न किया है। आरोपों के बाद राज्य में विपक्षी खेमे ने शाहजहां और उसके आदमियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग तेज कर दी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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