आईजीएमसी अस्पताल में लंगर सेवा को बंद कराने को लेकर शिमला के लोगों में गुस्सा.. विरोध में प्रदेश में धरने प्रदर्शन शुरू

shimla protest

शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल में पिछले सात सालों से दिन रात अल्माइटी ब्लेसिंग संस्था के अध्यक्ष सरदार द्वारा अस्पताल में आए मरीजों व उनके साथ पहुंचे तीमारदारों के लिए लंगर की व्यवस्था की जाती है। जहां मरीजों व तमिरदारों के लिए उच्च गुणवत्ता वाला भोजन, मरीजों को जरूरत के हिसाब से मिलने वाली व्हील चेयर सुविधा, बिस्तर की सुविधा, एम्बुलेंस सेवा, शव वाहन की सुविधा और अन्य ढेरों प्रकार की मुफ्त सुविधा मिलती रही है।

शिमला। शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल में पिछले कई सालों से चलाए जा रही लंगर सेवा को बंद कराने को लेकर लोगों में गुस्सा है। लंगर सेवा चलाने वाले सर्वजीत सिंह बॉबी के समर्थन में शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह उतर आए हैं। उन्होंने शिमला के रिज मैदान पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरने पर बैठकर अपना विरोध दरज कराते हुये पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित करार दिया और प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। इसी तरह प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भी आज धरने प्रदर्षन शुरू हो गये हैं।

 

 

 

शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल में पिछले सात सालों से दिन रात अल्माइटी ब्लेसिंग संस्था के अध्यक्ष सरदार द्वारा अस्पताल में आए मरीजों व उनके साथ पहुंचे तीमारदारों के लिए लंगर की व्यवस्था की जाती है। जहां मरीजों व तमिरदारों के लिए उच्च गुणवत्ता वाला भोजन, मरीजों को जरूरत के हिसाब से मिलने वाली व्हील चेयर सुविधा, बिस्तर की सुविधा, एम्बुलेंस सेवा, शव वाहन की सुविधा और अन्य ढेरों प्रकार की मुफ्त सुविधा मिलती रही है।

प्रदेश भर से चाहे चम्बा हो, चाहे लाहौल स्पीति चाहे दूरदराज के अन्य क्षेत्र सभी जगह से लोग प्रदेश के इस एकमात्र बड़े अस्पताल में इलाज करवाने के लिए पहुंचते हैं।  लेकिन पिछले दिनों अचानक आईजीएमसी अस्पताल प्रशासन की ओर से इस लंगर सेवा को बंद करवा दिया गया व लंगर का सामान पुलिस के बल प्रयोग से बाहर निकलवा दिया गया। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि इस संस्था ने अस्पताल की जमीन पर यह लंगर लगाया है जो बिल्कुल अवैध है। 

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सवाल उठ रहा है कि यह लंगर जो लगा रहे हैं अपने निजी फायदे के लिए तो लगा नहीं रहे, अस्पताल में आ रहे मरीजों व उनके तीमारदारों को कोई परेशानी न आए उनकी सेवा के लिए मुफ्त लंगर की सेवा करवा रहे हैं। आरोप है कि इसी जगह को सरकार के चहेते लोगों को कैंटीन चलाने के लिये ही यह सब किया गया है। 

रिज मैदान पर धरने पर बैठे शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने पत्रकारों को संबोधित करते हुये कहा कि आईजीएमसी अस्पताल में प्रदेश के दूरदराज से लोग इलाज करवाने आते हैं। रोगियों के साथ आने वाले कई तीमारदार ऐसे भी होते हैं जो होटलों व ढाबों में 100 से 150 रुपए रोजाना खाने के नहीं दे सकते। ऐसे लोगों के लिए सर्वजीत बॉबी ने सात साल पहले लंगर सेवा शुरू की थी लेकिन अब लंगर को बंद करवा दिया गया है जोकि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। 

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उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल से पुनर्विचार करते हुए सर्वजीत बॉबी को फिर से लंगर सेवा शुरू करने की अनुमति देने की मांग की। उन्होंने कहा कि कुछ चीजों पर समाज में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सोचने और समझने की आवश्यकता है। निःस्वार्थ भाव से समाज के लिए काम करने वालों की प्रशंसा करने की बजाय उनके मनोबल को तोड़ने के प्रयास नहीं होने चाहिए। उन्होंने कहा कि आज शांतिपूर्ण तरीके से पूरे मामले को लेकर रोष व्यक्त किया है। 

विक्रमादित्य सिंह ने शिमला पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से यहां लंगर का सामान पुलिस की ओर से उठाया गया वह गलत है। लंगर की जगह को छावनी में तबदील कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि पुलिस के अधिकारियों को देखना चाहिए था कि वे क्या करने जा रहे हैं और उसका समाज में क्या संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह का कार्य किया गया है, वह उन लोगों की इच्छाशक्ति को भी दबाने का प्रयास है जो समाज के लिए काम कर रहे हैं या समाजसेवा के लिए आगे आना चाहते हैं।

इस मौके पर हरीश जनारथा सहित कई कांग्रेस नेता व पदाधिकारियों के साथ ही लंगर सेवा का लाभ लेने वाले बडी तादाद में लोग भी मौजूद रहे।

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