15 अगस्त से कितना अलग होता है 26 जनवरी को झंडा फहराने का तरीका ? जानिए सबकुछ
26 जनवरी को राष्ट्रपति राजपथ पर तिरंगा फहराते हैं। यह दिन हिन्दुस्तान के लिए बेहद खास है क्योंकि इस दिन संविधान और लोकतंत्र की अहमियत का ऐहसास होता है।
नयी दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के बीच स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराएंगे। अंग्रेजो की गुलामी से आजाद होने के बाद 1947 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले में तिरंगा फहराया था और ऐतिहासिक भाषण दिया था। जश्न-ए-आजादी के इस जश्न की चर्चा चारो तरफ होती है। हालांकि आजाद भारत में पहली बार 15 अगस्त, 1947 को 10:30 बजे काउंसिल हाउस पर तिरंगा फहराया गया था।
इसे भी पढ़ें: ड्रोन के जरिये बड़े हमले की प्लानिंग कर रहे आतंकी, 15 अगस्त से पहले दिल्ली में हो सकता है अटैक
गणतंत्र दिवस
26 जनवरी को राष्ट्रपति राजपथ पर तिरंगा फहराते हैं। यह दिन हिन्दुस्तान के लिए बेहद खास है क्योंकि इस दिन संविधान और लोकतंत्र की अहमियत का ऐहसास होता है। इस दिन महज झंडा फहराया जाता है और राजपथ में कार्यक्रम का आयोजन होता है। इसी बीच हम आपको 15 अगस्त और 26 जनवरी के बीच के कुछ अंतरों के बारे में जानकारी देते हैं।15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले पर ध्वाजारोहण किया जाता है। जबकि 26 जनवरी को राजपथ पर राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं। हालांकि देशभर में दोनों दिन कार्यक्रमों का आयोजन होता है। बता दें कि 15 अगस्त को तिरंगे को ऊपर की ओर खींचकर फहराया जाता है। जबकि 26 जनवरी के दिन तिरंगा फहराने का तरीका अलग होता है। 26 जनवरी को झंडा ऊपर ही बंधा होता है। इसे वहीं खोलकर फहराया जाता है।इसे भी पढ़ें: PM मोदी ने अमेरिका के स्वतंत्रता दिवस पर बाइडेन को बधाई देकर चीन को दिया कड़ा संदेश
26 जनवरी के दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। इसी उपलक्ष्य में इस दिन गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इतना ही नहीं इसी दिन देश को पहले राष्ट्रपति मिले थे और उन्होंने अपना कार्यभार संभाला था। जिसकी वजह से राष्ट्रपति इस दिन झंडा फहराते हैं। आपको बता दें कि देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे।
संबोधन में अंतर15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हैं और पूर्व संध्या को राष्ट्रपति संबोधित करते हैं। हालांकि 26 जनवरी के दिन किसी का भी संबोधन नहीं होता है। बस दिन झांकियां निकलती हैं।अन्य न्यूज़