कृषि कानून: CM योगी ने PM मोदी के फैसले का किया स्वागत, बोले- लोकतंत्र में नहीं कर सकते संवाद की अनसुनी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कृषि क़ानून चाहें जैसे भी रहे हों लेकिन अगर कहीं से भी आवाज़ निकली है तो लोकतंत्र में संवाद की अनसुनी नहीं कर सकते। जब कहीं से आवाज़ उठी है तो उसकी भी सुनवाई होगी।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले का स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कृषि क़ानून चाहें जैसे भी रहे हों लेकिन अगर कहीं से भी आवाज़ निकली है तो लोकतंत्र में संवाद की अनसुनी नहीं कर सकते।
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लोकतंत्र में नहीं कर सकते संवाद की अनसुनी
समाचार न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कृषि क़ानून चाहें जैसे भी रहे हों लेकिन अगर कहीं से भी आवाज़ निकली है तो लोकतंत्र में संवाद की अनसुनी नहीं कर सकते। जब कहीं से आवाज़ उठी है तो उसकी भी सुनवाई होगी, बातचीत से, संवाद से हम इन समस्याओं का समाधान करेंगे।उन्होंने कहा कि मैं उनका धन्यवाद करता हूं और उनके द्वारा उठाए गए इस कदम का स्वागत करता हूं। हालांकि लोगों के एक बड़े वर्ग का मानना था कि इस तरह के कानून किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक आवश्यक भूमिका निभा सकते हैं, जब किसान संगठनों ने इसका विरोध किया तो सरकार ने सभी स्तरों पर संवाद स्थापित करने का प्रयास किया।I thank him and welcome this step taken by him. Though a large section of people believed that such laws can play an essential role to increase the income of farmers, when farmer orgs opposed it Govt attempted to establish a dialogue on all levels: CM Yogi Adityanath #FarmLaws pic.twitter.com/hy2Jrcy5Z6
— ANI UP (@ANINewsUP) November 19, 2021
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उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले करीब एक वर्ष से अधिक समय से विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा की और कहा कि इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन कर रहे थे।
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