उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में जीत दिलाने में धामी और रावत, 13 सीटों पर होगा महामुकाबला
पुष्कर सिंह धामी उधम सिंह नगर जिले की तराई की खटीमा से मैदान में उतरे हैं। बता दें कि, भाबर क्षेत्र में नैनीताल जिले की 4 और तराई क्षेत्र में ऊधमसिंह नगर जिले की 9 विधानसभा सीटें आती हैं। इन 13 सीटों में भाबर की हल्द्वानी, कालाढूंगी, रामनगर और लालकुआं सीटें हैं।
विधानसभा चुनाव के लिए उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में तराई भाबर की तेरह सीटों पर काफी जोरदार मुकाबला होने वाला है। जानकारी के लिए बता दें कि, उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत इस बार नैनीताल जिले की लालकुआं सीट से चुनावी रण के लिए उतरे हैं। यह सीट दो हिस्सों में आता है, पहला तराई और दूसरा भाबर में। वहीं पुष्कर सिंह धामी उधम सिंह नगर जिले की तराई की खटीमा से मैदान में उतरे हैं। बता दें कि, भाबर क्षेत्र में नैनीताल जिले की 4 और तराई क्षेत्र में ऊधमसिंह नगर जिले की 9 विधानसभा सीटें आती हैं। इन 13 सीटों में भाबर की हल्द्वानी, कालाढूंगी, रामनगर और लालकुआं सीटें हैं वहीं तराई की रुद्रपुर, काशीपुर, जसपुर, किच्छा, खटीमा, सितारगंज, नानकमत्ता, गदरपुर और बाजपुर शामिल हैं। इन 13 सीटों के लिए चुनावी रण में उतरे रावत और धामी के बीच मुकाबला काफी जबरदस्त होने वाला है और साथ ही दोनों ही नेता इन सीटों को जीताने में जुट गए है।
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भाजपा का कब्जा
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 13 सीटों में से 11 सीटों पर अपना वर्चस्व फैलाया था। इसी को देखते हुए अब भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।बता दें कि, तराई में किसान आंदोलन का भी असर जोरदार रहा था। इस बार के विधानसभा चुनाव में पुष्कर सिंह धामी को अपना प्रभाव छोड़ना बेहद जरूरी होगा। वहीं कांग्रेस की तरफ से चुनावी मैदान में खड़े हो रहे हरीश रावत लालकुआं सीट से लड़ेंगे और इस क्षेत्र में युवाओं के लिए रोजगार सबसे अहम मुद्दा है। बड़े नेता होने के कारण हरीश रावत को इस सीट से काफी लाभ मिल सकता है।खटीमा सीट से धामी का मुकाबला कांग्रेस के भुवनचंद्र कापड़ी से होने वाला है। दोनों का मुकाबला इससे पहले साल 2017 के चुनाव में भी हो चुका है। बता दें कि भाजपा के लिए इस सीट से चुनाव लड़ना आसान नहीं होगा क्योंकि जनता की नाराजगी किसान आंदोलन से है और यह पुष्कर सिंह धामी के लिए भारी पड़ सकती है।
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