DUSU चुनाव: EVM में गड़बडी के आरोपों के बीच 39.90 फीसदी हुई वोटिंग
डूसू के चार पदों के लिए मतदान ईवीएम में गड़बडी के आरोपों के बीच संपन्न हुआ। चार महिलाओं सहित 16 प्रत्याशियों की किस्मत इस चुनाव में दांव पर है और इसके लिए 52 मतदान केंद्र बनाए गए थे।
नयी दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के लिए गुरुवार को हुए मतदान में 39.90 प्रतिशत छात्रों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यह मतदान पिछले साल के मुकाबले करीब चार प्रतिशत कम है। नतीजे शुक्रवार को घोषित किए जाएंगे। पिछले साल 44.46 प्रतिशत छात्रों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। डूसू के चार पदों के लिए मतदान ईवीएम में गड़बडी के आरोपों के बीच संपन्न हुआ। चार महिलाओं सहित 16 प्रत्याशियों की किस्मत इस चुनाव में दांव पर है और इसके लिए 52 मतदान केंद्र बनाए गए थे।
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करीब 1.3 लाख छात्र चुनाव में मतदान करने के लिए योग्य थे। 144 ईवीएम छात्र संघ चुनाव के लिए और 137 ईवीएम कॉलेज संघ चुनाव के लिए इस्तेमाल की गईं। प्रात: कालीन कक्षाओं के लिए मतदान सुबह साढ़े नौ बजे शुरू हुआ और दोपहर एक बजे खत्म हुआ। सांध्यकालीन कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्रों के लिए दोपहर तीन बजे मतदान शुरू हुआ और यह शाम साढ़े सात बजे खत्म हुआ। पिछले साल तीन पदों पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और एक पर नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने जीत दर्ज की थी।
कुछ नेताओं ने कहा कि गर्मी और उमस के साथ कॉलेजों में छुट्टी की वजह से मतदान प्रतिशत कम रहा। चुनाव की वजह से गुरुवार को छुट्टी घोषित की गई थी, इसलिए छात्र मतदान करने नहीं आए। हालांकि, विधि विभाग, मिरांडा हाउस और रामजस कॉलेज में मतदान करने के लिए लंबी कतारें दिखीं। नॉर्थ कैम्पस में किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए 400 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। आरएसएस संबद्ध एबीवीपी ने 35 कॉलेज संघों में जीत का दावा किया है जबकि कांग्रेस से संबद्ध एनएसयूआई ने 22 कॉलेज संघों में जीत मिलने की बात कही।
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल ने करीब साढ़े ग्यारह बजे नॉर्थ कैम्पस का दौरा किया और युवा मतदाताओं से बातचीत की। कॉलेजों और मतदान केंद्रों के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं ने अंतिम समय तक छात्रों को अपने पक्ष में करने की कोशिश की जिसकी वजह से विरोधी प्रत्याशियों के बीच बहस हुई। एनएसयूआई ने दावा किया कि संयुक्त सचिव पद के उसके उम्मीदवार अभिषेक चपराना को दक्षिण दिल्ली के दयाल सिंह कॉलेज में मतदान केंद्रों पर नहीं जाने दिया गया। संगठन ने दावा किया कि चपराना को ‘‘गैरकानूनी ढंग से हिरासत’’ में लिया गया है।
हालांकि पुलिस ने कहा कि यह उम्मीदवार कॉलेज के बाहर प्रचार कर रहा था जिसकी इजाजत नहीं थी। पुलिस ने कहा कि जब उसे प्रचार करने से रोका गया तो उसने पुलिसकर्मियों के साथ खराब बर्ताव किया, इसलिए उसे हिरासत में लेना पड़ा। एनएसयूआई ने आर्यभट्ट कॉलेज में ईवीएम में गड़बड़ी का भी आरोप लगाया। संगठन की राष्ट्रीय प्रभारी रुचि गुप्ता ने ट्वीट किया कि फिर आर्यभट्ट कॉलेज में ईवीएम में गड़बड़ी की गई जैसा एनएसयूआई के खिलाफ होता रहा है। जब एनएसयूआई प्रत्याशी के पक्ष में बटन दबाया जा रहा था तो ईवीएम में मत पंजीकृत होने की जानकारी देने वाली बत्ती नहीं जली। हमारे प्रतिनिधि और जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।
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चुनाव समिति सदस्य ने बताया कि मत डालने के दौरान बत्ती जलने में कुछ समस्या आई जिसके बादईवीएम को बदल दिया गया। उन्होंने कहा कि कॉलेज में 152 वोट डाले गए। एनएसयूआई के सचिव प्रत्याशी आशीष लाम्बा को रामजस कॉलेज में प्रवेश नहीं करने दिया गया। यह कदम एबीवीपी की ओर से बाहरी व्यक्तियों को साथ लाने के आरोप के बाद उठाया गया। पुलिस ने बताया कि चुनाव के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई और चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हुआ। किरोड़ीमल कॉलेज में तीन छात्रों ने (दो छात्र और एक छात्रा) अपने दोस्तों के पहचानपत्र के आधार पर दोबारा मतदान करने की कोशिश की। कॉलेज के अधिकारियों ने बताया कि अगले हफ्ते इन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। कॉलेज ने अपनी संपत्ति पर प्रत्याशियों द्वारा होर्डिंग लगाए जाने को आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए सेंट्रल काउंसलर पद के नतीजे पर रोक लगा दी।
Can say in all honesty that we fought the best election possible, in a very diff time, witht conceding *any* ideological space. I think we made a remarkable turnaround in morale and cqmpus sentiment and we are optimistic about the results tomorrow. Baaki kal #AwaazUthaoSeetiBajao https://t.co/YtEpojVux0
— Ruchi Gupta (@guptar) September 12, 2019
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