दिल्ली में गणतंत्र दिवस और ट्रैक्टर रैली के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद, ऊंची इमारतों पर स्नाइपर्स को किया गया तैनात

Delhi Police

एक अधिकारी ने बताया कि निगरानी रखने के लिए करीब छह हजार सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं। संदिग्ध लोगों की पहचान करने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा चेहरे से पहचान करने वाली प्रणाली भी प्रमुख स्थानों पर लगाई गई है।

नयी दिल्ली। गणतंत्र दिवस समारोह और किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड के मद्देनजर राजपथ और राष्ट्रीय राजधानी की कई सीमाओं पर हजारों सशस्त्र सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे 41 किसान संगठनों के प्रमुख संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि उनकी परेड मध्य दिल्ली में प्रवेश नहीं करेगी और यह गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर होने वाली आधिकारिक परेड के समापन के बाद ही शुरू होगी। संगठनों ने दावा किया है कि उनकी परेड में करीब दो लाख ट्रैक्टरों के हिस्सा लेने की उम्मीद है और यह सिंघू बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर तथा गाज़ीपुर (यूपी गेट) से होकर गुजरेगी। 

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संगठनों के अनुसार वाहनों की संख्या तय नहीं की गई है। प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान शहर की बिजली आपूर्ति को बाधित करने की धमकी देने के बाद बिजली के उपकेंद्रों पर गश्त भी बढ़ा दी गई है। एक अधिकारी ने बताया कि निगरानी रखने के लिए करीब छह हजार सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं। संदिग्ध लोगों की पहचान करने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा चेहरे से पहचान करने वाली प्रणाली भी प्रमुख स्थानों पर लगाई गई है। राजपथ पर नजर रखने के लिए ऊंची इमारतों पर शार्प शूटरों और स्नाइपरों को तैनात किया गया है जहां राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अन्य गणमान्य व्यक्तियों और हजारों लोगों के साथ गणतंत्र दिवस का जश्न मनाएंगे।

अधिकारी ने बताया कि राजपथ पर लोगों की जांच करने वाले कर्मी पीपीई किट पहने होंगे तथा मास्क एवं फेस शील्ड (चेहरे के आगे शीशा) लगाए हुए होंगे। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शहर में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए पांच स्तरीय सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) ईश सिंघल ने बताया कि गणतंत्र दिवस परेड के लिए राजपथ पर छह हजार पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं। 

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उन्होंने बताया कि कोविड-19 के दिशा-निर्देशों को पालन करते हुए परेड में केवल 25 हजार लोगों को शामिल होने की अनुमति दी गई है। आमतौर पर एक लाख से अधिक लोग परेड देखने आते हैं। उन्होंने बताया कि इस साल परेड भी छोटी होगी। लाल किले की जगह नेशनल स्टेडियम पर ही खत्म हो जाएगी। केवल झांकियां ही लाल किले तक जाएंगी।  पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परेड मार्ग पर नजर रखने के लिए 140 सीसीटी कैमरे लगाए गए हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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