Lok Sabha में पेश हुआ दिल्ली सेवा बिल, कांग्रेस ने किया विरोध, अमित शाह बोले- संसद को कानून बनाने का अधिकार
कांग्रेस ने इस बिल का विरोध किया है। सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में जीएनसीटी (संशोधन) विधेयक 2023 पर बोलते हुए कहा कि मैं विधेयक का विरोध करने के लिए खड़ा हूं क्योंकि विधेयक राज्य के क्षेत्र में इस सरकार के अपमानजनक उल्लंघन की पुष्टि करता है।
संसद के मानसून सत्र का कामकाज 20 जुलाई को शुरू होने के बाद से मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर व्यवधान के कारण प्रभावित हुआ और मंगलवार को भी जारी रहा। विपक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकसभा और राज्यसभा का "अपमान" करना बंद करना चाहिए और मणिपुर हिंसा पर बिना किसी समय सीमा के "व्यापक" चर्चा के लिए संसद में आना चाहिए। इन सब के बीच अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग से जुड़ा दिल्ली सेवा बिल लोकसभा में पेश किया। केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने गृहमंत्री अमित शाह की ओर से सदन में बिल पेश किया।
कांग्रेस ने इस बिल का विरोध किया है। सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में जीएनसीटी (संशोधन) विधेयक 2023 पर बोलते हुए कहा कि मैं विधेयक का विरोध करने के लिए खड़ा हूं क्योंकि विधेयक राज्य के क्षेत्र में इस सरकार के अपमानजनक उल्लंघन की पुष्टि करता है। यह सहकारी संघवाद के लिए कब्रिस्तान खोदने के लिए बनाया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में जीएनसीटी (संशोधन) विधेयक 2023 पर बोलते हुए कहा कि संविधान ने सदन को दिल्ली राज्य के संबंध में कोई भी कानून पारित करने की शक्ति दी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने साफ कर दिया है कि दिल्ली राज्य को लेकर संसद कोई भी कानून ला सकती है। सारी आपत्ति राजनीतिक है। कृपया मुझे यह बिल लाने की अनुमति दें।"
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