दिल्ली के व्यक्ति की गिरफ्तारी का मामला: उप्र के डीजीपी को जांच रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश

याचिकाकर्ता को बाद में 19 फरवरी को उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने रिहा कर दिया। अदालत ने कहा था कि उचित प्रोटोकॉल का पालन किए बिना किसी दूसरे राज्य में गिरफ्तारी नहीं की जा सकती।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्थानीय पुलिस को सूचित किए बिना राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के एक निवासी को गिरफ्तार करने के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक को एक जांच रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह और न्यायमूर्ति रजनीश कुमार गुप्ता की पीठ ने उत्तर प्रदेश पुलिस के वकील को नोटिस जारी कर पूर्व में निर्देशित जांच पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। 20 मार्च को उपलब्ध कराए गए पीठ के आदेश में कहा गया है, “…पुलिसआयुक्त/उत्तर प्रदेश के डीजीपी रिपोर्ट दाखिल करें।”
अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने दिल्ली पुलिस को कोई पूर्व सूचना दिए बिना 18 फरवरी को दिल्ली के कनॉट प्लेस में एक व्यक्ति को रोका और अज्ञात स्थान पर ले गई।
याचिकाकर्ता को बाद में 19 फरवरी को उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने रिहा कर दिया। अदालत ने कहा था कि उचित प्रोटोकॉल का पालन किए बिना किसी दूसरे राज्य में गिरफ्तारी नहीं की जा सकती।
अदालत ने ग्रेटर नोएडा के पुलिस आयुक्त को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था। याचिकाकर्ता सतिंदर सिंह भसीन की ओर से पेश हुए वकील विशाल गोसाईं ने कहा था कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने याचिकाकर्ता को बयान दर्ज कराने के लिए नहीं बुलाया था और डीजीपी को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करनी चाहिए थी।
अन्य न्यूज़