उच्च न्यायालय ने व्हॉट्सएप की निजता नीति को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई सितंबर तक टाली

Delhi High Court
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याचिका में दावा किया गया है कि नई निजता नीति के तहत प्रयोगकर्ताओं की ऑनलाइन गतिविधियों तक व्हॉट्सएप की पूर्ण पहुंच होगी और इसमें सरकार की ओर से निगरानी भी नहीं होगी।

नयी दिल्ली| दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्हॉट्सएप की 2021 की निजता नीति को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई सितंबर तक टाल दी है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा तथा न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद को संबंधित पक्षों द्वारा सूचित किया गया कि इसी तरह के मुद्दे उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित हैं।

उच्च न्यायालय ने इसी आधार पर फेसबुक और व्हॉट्सएप की सोशल मीडिया मध्यवर्तियों के लिए नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई सितंबर तक टाल दी है।

इन नियमों के तहत संदेश भेजने वाली ऐप को ‘चैट’ का पता लगाना होगा और संबंधित सूचना सबसे पहले किस की ओर से भेजी जा रही है इसकी पहचान के लिए प्रावधान करने होंगे।

व्हॉट्सएप की निजता निजी को सबसे पहले चुनौती देने वाले चैतन्य रोहिल्ला ने उच्च न्यायालय में कहा कि अद्यतन निजता नीति संविधान के तहत प्रयोगकर्ताओं के निजता के अधिकार का उल्लंघन करती है।

उनकी दलील थी कि उन्हें इस नीति को या तो स्वीकार करना होगा या ऐप से हटना होगा। वे अपने डेटा को फेसबुक के स्वामित्व वाली या तीसरे पक्ष के ऐप को साझा करने से रोक नहीं सकते।

याचिका में दावा किया गया है कि नई निजता नीति के तहत प्रयोगकर्ताओं की ऑनलाइन गतिविधियों तक व्हॉट्सएप की पूर्ण पहुंच होगी और इसमें सरकार की ओर से निगरानी भी नहीं होगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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