Satyender Jain की याचिका पर दिल्ली HC ने ईडी को जारी किया नोटिस, न्यायिक रिमांड आदेश को दी गई है चुनौती

Satyender Jain
ANI
अभिनय आकाश । Jul 25 2024 5:03PM

राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने 29 जुलाई, 2022 को ईडी की अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) पर संज्ञान लिया और मामले में सत्येंद्र जैन के लिए समन जारी किया। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा और मामले की तारीख 22 अगस्त 2024 तय की।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी (आप) नेता और दिल्ली के पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येन्द्र जैन द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ट्रायल कोर्ट के संज्ञान आदेश और उसके बाद के न्यायिक रिमांड आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया। राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने 29 जुलाई, 2022 को ईडी की अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) पर संज्ञान लिया और मामले में सत्येंद्र जैन के लिए समन जारी किया। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा और मामले की तारीख 22 अगस्त 2024 तय की। 

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वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन और अधिवक्ता मयंक जैन दिल्ली उच्च न्यायालय में सत्येन्द्र जैन की ओर से पेश हुए। मई में दिल्ली हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येन्द्र कुमार जैन की डिफॉल्ट जमानत याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी किया था। सत्येन्द्र जैन ने दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट के आदेश को चुनौती दी, जिसने उन्हें मामले में डिफ़ॉल्ट जमानत देने से इनकार कर दिया था।

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जैन ने दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष इस डिफ़ॉल्ट जमानत याचिका के माध्यम से दलील दी कि ईडी वैधानिक अवधि के भीतर सभी मामलों में जांच पूरी करने में विफल रही। जैन ने आगे कहा कि अभियोजन की शिकायत, जो सभी मामलों में पूरी नहीं है, सीआरपीसी की धारा 167 (2) के प्रावधानों के तहत आवेदक को डिफ़ॉल्ट जमानत के अधिकार से वंचित करने के प्रयास में दायर की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि यह कानून की स्थापित स्थिति है कि जब जांच लंबित हो तो आरोपपत्र दाखिल करने का इस्तेमाल डिफ़ॉल्ट जमानत के अधिकार को खत्म करने के लिए नहीं किया जा सकता है। जांच पूरी होने पर ही आरोप पत्र दाखिल किया जाना चाहिए। जब जांच लंबित हो तो पीएमएलए मामले में अधूरा आरोप पत्र या शिकायत दर्ज करना भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत आरोपी के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। 

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