कांग्रेस नहीं दे रही साथ! INDIA Bloc में अलग-थलग पड़े Arvind Kejriwal, कोर्ट से भी राहत नहीं
दोनों ही मुद्दों पर इंडिया ब्लॉक ने कहा कि हां इस मामले में देखते हैं। लेकिन तत्परता नहीं दिखाई दी। इसका मतलब साफ है कि कहीं ना कहीं केजरीवाल को इंडिया ब्लॉक से वह सहायता नहीं मिल रहा है जिसकी उन्होंने उम्मीद की थी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के लिए स्थितियां सहज होती दिखाई नहीं दे रही है। कहीं ना कहीं उनकी परेशानी लगातार बढ़ती हुई नजर आ रही है। दिल्ली शराब घोटाला मामले में वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी की गिरफ्तारी मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। बावजूद इसके वह जेल से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि सीबीआई मामले में उनकी न्यायिक हिरासत लगातार बढ़ती जा रही है। एक बार फिर आज उनकी न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ा दी गई है। यह कहीं ना कहीं अरविंद केजरीवाल के लिए बड़ा झटका है।
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इसके अलावा अरविंद केजरीवाल के लिए स्वास्थ्य भी ठीक-ठाक नहीं चल रहा है जैसा कि उनकी पार्टी दावा कर रही है। पार्टी की ओर से केंद्र सरकार पर कई बड़े आरोप लगाए जा रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि बीजेपी केजरीवाल के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। केजरीवाल का शुगर लगातार डाउन हो रहा है। उन्हें जेल में अच्छे से देखभाल नहीं मिल रही है। हालांकि भाजपा सभी आरोपी को खारिज करती दिखाई दे रही है। वही आम आदमी पार्टी को इंडिया ब्लॉक से काफी उम्मीदें भी है। लेकिन कहीं ना कहीं ऐसा लग रहा है कि इंडिया ब्लॉक भी फिलहाल आम आदमी पार्टी का साथ देने के मूड में नहीं है।
ऐसा हम इसलिए कह सकते हैं क्योंकि इंडिया ब्लॉक की बैठक में संजय सिंह और राघव चड्ढा ने अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य का मामला उठाया। राघव चड्ढा ने कहा कि इंडिया ब्लॉक के नेता तिहाड़ जाकर दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलते रहे ताकि एक मैसेज जाएं कि पूरा विपक्ष केजरीवाल के साथ खड़ा है। दूसरी ओर संजय सिंह ने कहा कि केजरीवाल के सपोर्ट में इंडिया ब्लॉक की तरफ से एक संयुक्त बयान जारी किया जाए। आप नेताओं की चाहत यह भी है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी पर विपक्ष संसद में मिलकर हंगामा करें। लेकिन दोनों ही मुद्दों पर इंडिया ब्लॉक के अन्य गठबंधन सहयोगियों खास करके कांग्रेस की ओर से आम आदमी पार्टी को सकारात्मक संकेत नहीं मिल रहे हैं।
दोनों ही मुद्दों पर इंडिया ब्लॉक ने कहा कि हां इस मामले में देखते हैं। लेकिन तत्परता नहीं दिखाई दी। इसका मतलब साफ है कि कहीं ना कहीं केजरीवाल को इंडिया ब्लॉक से वह सहायता नहीं मिल रहा है जिसकी उन्होंने उम्मीद की थी। इंडिया ब्लॉक के लिए केजरीवाल के साथ परिस्थितियां इसलिए अलग हो चुकी हैं क्योंकि लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद आप ने एकतरफा ऐलान करते हुए साफ तौर पर दावा कर दिया कि हम दिल्ली और हरियाणा में विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेंगे। यह बात कांग्रेस को बुरी लगी थी। कांग्रेस को भी पता है कि उसके लिए असली चुनौती अरविंद केजरीवाल ही हैं। पंजाब और दिल्ली में कांग्रेस को ही सत्ता से हटकर केजरीवाल की पार्टी सरकार बनाने में कामयाब हुई है।
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केजरीवाल जेल से बाहर आते हैं तो राहुल गांधी से ज्यादा मीडिया फूटेज उन्हें मिलेगी। ऐसे में कांग्रेस केजरीवाल के साथ खड़ी होती है तो कहीं ना कहीं उसके कार्यकर्ताओं में एक नाराजगी जाएगी। दिल्ली में कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवारों ने भी यह दावा किया था कि आप के साथ गठबंधन के बाद पार्टी कार्यकर्ता नाराज हुए। यही कारण है कि अब कांग्रेस संभल कर कदम उठा रही है। इसके अलावा लोकसभा चुनाव में देखें तो कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस की ताकत बढ़ी है। सिर्फ आम आदमी पार्टी कमजोर हुई है। यही कारण है कि फिलहाल अरविंद केजरीवाल अलग-अलग पड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं।
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