दिल्ली सरकार ने LG से 10,000 बस मार्शलों को स्थायी करने का किया आग्रह, CM बोलीं- महिलाओं के खिलाफ बढ़े अपराध
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए काफ़ी काम किए हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ बसों में अभद्र व्यवहार ना हो, इसके लिए 2015 में बसों में बस मार्शल लगाये गये, CCTV और Panic Button लगाये गये।
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार स्थायी आधार पर 10,000 बस मार्शलों को बनाए रखने की नीति बनाने के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना को एक प्रस्ताव भेज रही है। आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बस मार्शलों को हटाने से सार्वजनिक परिवहन बसों में महिलाओं के खिलाफ अपराध में वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रविवार को हुई सभी मंत्रियों की बैठक में परिवहन आयुक्त ने संकेत दिया कि बस मार्शलों की बहाली पर निर्णय उपराज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में आता है क्योंकि यह सेवा से जुड़ा मामला है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए काफ़ी काम किए हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ बसों में अभद्र व्यवहार ना हो, इसके लिए 2015 में बसों में बस मार्शल लगाये गये, CCTV और Panic Button लगाये गये। लेकिन 2023 में BJP ने अपने अधिकारियों के ज़रिए इन बस मार्शलों को हटा दिया। AAP विधायकों, कार्यकर्ताओं ने बस मार्शलों के लिए सड़क पर संघर्ष किया और आख़िर में BJP को AAP और बस मार्शलों के संघर्ष के आगे झुकना ही पड़ा।
आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार "जैसा है, जहां है" के आधार पर एक प्रस्ताव के साथ आगे बढ़ रही है, जबकि वह एलजी की नीति का इंतजार कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और मार्शलों के वेतन के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराएगी। उन्होंने यह भी आशंका व्यक्त की कि एलजी को मामले का स्थायी समाधान निकालने में महीने या साल भी लग सकते हैं।
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दिल्ली के स्वास्थ्य और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज, जो प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे, ने मामले को संभालने के एलजी के तरीके की आलोचना की और कहा कि इस मामले को तत्काल निपटाया जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि एलजी द्वारा नियुक्त परिवहन अधिकारी ने इस मुद्दे को "आरक्षित" विषय के रूप में वर्गीकृत किया है, जिससे राज्य की तत्काल कार्रवाई करने की क्षमता सीमित हो गई है।
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