स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए दिल्ली सरकार ने नियम बनाने वाली समिति का किया गठन

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अधिकारी ने कहा, ‘‘उन्हें स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों और अग्रिम मोर्चे पर सेवा दे रहे कर्मियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए हर कदम उठाने होंगे और उनके खिलाफ किसी भी हिंसा को रोकना होगा।’’ अधिकारी ने बताया कि पुलिस आयुक्त की ओर से विशेष पुलिस आयुक्त को नामित किया गया है।

नयी दिल्ली। दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव ने बृहस्पतिवार को हाल के हमलों के मद्देनजर स्वास्थ्य कर्मियों के लिये सुरक्षा प्रोटोकॉल तय करने के वास्ते छह सदस्यीय टीम का गठन किया। एक सरकारी अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मुख्य सचिव ने समिति को निर्देश दिया है कि वह 48 घंटे के भीतर नियम बनाए। इस समिति की अध्यक्षता दिल्ली स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मुख्य सचिव करेंगे। देव ने दिल्ली पुलिस के आयुक्त एस एन श्रीवास्तव से कहा है कि वह विशेष आयुक्त रैंक और जिला स्तर के अधिकारी जो पुलिस उपायुक्त के पद से नीचे न हों, उन्हें राज्य स्तर के नोडल अधिकारी के रूप में नामित करें। यह अधिकारी चिकित्सा पेशेवरों से जुड़े सुरक्षा के मुद्दों से निपटने के लिए हर समय उपलब्ध रहेंगे। 

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अधिकारी ने कहा, ‘‘उन्हें स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों और अग्रिम मोर्चे पर सेवा दे रहे कर्मियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए हर कदम उठाने होंगे और उनके खिलाफ किसी भी हिंसा को रोकना होगा।’’ अधिकारी ने बताया कि पुलिस आयुक्त की ओर से विशेष पुलिस आयुक्त को नामित किया गया है। इसके अलावा उपायुक्त (राजस्व), भारतीय चिकित्सा संघ (दिल्ली क्षेत्र के) के दो सदस्य और स्वास्थ्य सेवा के दो अतिरिक्त महानिदेशकों को समिति के सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। 

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हाल ही में कोविड-19 के खिलाफ जंग लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले की खबरें आई हैं। एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने कोविड-19 से निपटने के लिए तैनात स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ हिंसा या दुर्व्यवहार के मामलों को गैर जमानती अपराध बनाने के लिए अध्यादेश पारित किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार शाम को इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी और इस नए प्रावधान के तहत अधिकतम सात साल की सजा और पांच लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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