Delhi Excise Policy Case: केजरीवाल के खिलाफ ED को मिल गए पुख्ता सबूत, कोर्ट में कर दिया बड़ा दावा

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ANI
अंकित सिंह । Jun 19 2024 5:32PM

आईओ ने यह भी कहा कि विनोद चौहान की जांच की जा रही है और इस महीने के अंत तक उनके खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की जाएगी। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि मामले से जुड़ी हर चीज अंततः केजरीवाल की भूमिका पर आकर टिक गई है।

दिल्ली की एक अदालत ने कथित उत्पाद शुल्क घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक बढ़ा दी। केजरीवाल उत्पाद नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ की जेल नंबर 2 में बंद हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए केजरीवाल को 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी। उन्होंने 2 जून को तिहाड़ जेल में सरेंडर किया था। 

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बुधवार की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जानना चाहा कि न्यायिक हिरासत बढ़ाने की जरूरत क्यों है। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, ईडी के वकील ने कहा कि विनोद चौहान को गोवा चुनाव के लिए अभिषेक बोइनपल्ली के माध्यम से के कविता के निजी सहायक से ₹25 करोड़ मिले थे। सुनवाई के दौरान, जांच अधिकारी ने अदालत को सूचित किया कि ₹25 करोड़ ₹100 करोड़ के मनी ट्रेल का हिस्सा था। उन्होंने यह भी कहा कि अब तक ₹45 करोड़ का पता लगाया जा चुका है। 

आईओ ने यह भी कहा कि विनोद चौहान की जांच की जा रही है और इस महीने के अंत तक उनके खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की जाएगी। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि मामले से जुड़ी हर चीज अंततः केजरीवाल की भूमिका पर आकर टिक गई है। उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि ईडी नहीं, बल्कि सीबीआई ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने ₹100 करोड़ की रिश्वत मांगी थी। प्रवर्तन निदेशालय ने राउज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि उसके पास अब वापस ली गई शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल द्वारा 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के सबूत हैं।

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ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे एएसजी राजू ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग पर कोर्ट के संज्ञान से पता चलता है कि प्रथम दृष्टया कोर्ट आश्वस्त है कि यहां मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता है. सीबीआई जांच में पता चला कि केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। गिरफ्तारी से पहले ही हमने सबूत इकट्ठा कर लिए थे। केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने दलील दी कि पीएमएलए के तहत दायर किसी भी आरोप पत्र में आप सुप्रीमो का नाम नहीं था।

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