Jammu-Kashmir में इतनी सख्ती के बावजूद कैसे बचे हुए हैं स्लीपर सेल? क्या आतंकी घटनाओं का बड़ा जवाब देने वाला है भारत?
कश्मीर में जिस तरह शांति दिख रही थी उससे देश आश्वस्त हो चला था लेकिन एक दिन पहले विस्फोट में हमारे पांच जवानों का शहीद हो जाना और ईद से पहले हुए हमले में हमारे चार जवानों की जो शहादत हुई है उससे देश में गम और गुस्सा है।
जम्मू-कश्मीर में जिस तरह आतंकी घटनाएं बढ़ी हैं वह दर्शा रही हैं कि सुरक्षा बलों की निगाह से स्लीपर सेल बचे हुए हैं। भारत में एससीओ और जी-20 की बैठकों के बीच देश के सुरक्षा परिदृश्य पर सवाल उठाने के लिए सीमापार से निर्देश मिलने के बाद स्लीपर सेल को सक्रिय कर आतंकी वारदातें करवायी जा रही हैं ताकि कश्मीर पर विवाद को जिंदा रखा जा सके। इसलिए समय आ गया है कि सरकार को जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा परिदृश्य से जुड़े हर पहलू की विस्तृत समीक्षा करनी चाहिए और यदि जरूरत हो तो वहां फौज की संख्या बढ़ानी चाहिए।
कश्मीर में जिस तरह शांति दिख रही थी उससे देश आश्वस्त हो चला था लेकिन एक दिन पहले विस्फोट में हमारे पांच जवानों का शहीद हो जाना और ईद से पहले हुए हमले में हमारे चार जवानों की जो शहादत हुई है उससे देश में गम और गुस्सा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज जम्मू-कश्मीर जाकर हालात का जायजा लिया और आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ तथा आतंकवादियों के समर्थकों और उन्हें पनाह देने वालों की धरपकड़ भी जारी है लेकिन अब विपक्ष भी सरकार से सवाल पूछ रहा है कि उसने अनुच्छेद 370 हटाये जाने से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद खत्म होने का जो दावा किया था उसका क्या हुआ?
जहां तक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के जम्मू-कश्मीर दौरे की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने सीमावर्ती जिलों- राजौरी और पुंछ में सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया। हम आपको बता दें कि इन जिलों में आतंकवादियों द्वारा अक्टूबर 2021 से लेकर अब तक किए गए आठ हमलों में 26 सैनिकों सहित कुल 35 लोगों की जान गई है। अधिकारियों ने बताया कि राजनाथ सिंह कुछ देर जम्मू में रुके और फिर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे व जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ राजौरी में ‘एस ऑफ स्पेड्स डिवीजन’ मुख्यालय पहुंचे। इस दौरान, उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ अभियान में शामिल सैनिकों से संवाद भी किया। अधिकारियों के मुताबिक, सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे रक्षा मंत्री से कुछ देर पहले दिल्ली से जम्मू पहुंचे। उन्होंने बताया कि उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, व्हाइट नाइट कॉर्प्स के कॉर्प्स कमांडर और जम्मू के मंडल आयुक्त ने भी राजनाथ सिंह के साथ राजौरी का दौरा किया। अधिकारियों के अनुसार, जम्मू लौटने से पहले रक्षा मंत्री को कांडी वन क्षेत्र में चलाए जा रहे अभियान के बारे में जानकारी दी गई, जिसके बाद उन्होंने जम्मू-कश्मीर, खासकर राजौरी और पुंछ में समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
इससे पहले, उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने मुठभेड़ स्थल का दौरा किया। इस दौरान, उन्हें कमांडरों द्वारा चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन त्रिनेत्र’ के ताजा घटनाक्रमों की जानकारी दी गई। हम आपको बता दें कि जम्मू के राजौरी और पुंछ को एक दशक से अधिक समय पहले आतंकवाद-मुक्त घोषित कर दिया गया था। हालांकि, पिछले 18 महीनों में इन दोनों ही जिलों में कई आतंकवादी हमले हुए हैं। कांडी वन क्षेत्र में शुक्रवार को सुरक्षाबलों पर हुआ हमला इस साल केंद्र-शासित प्रदेश में हुआ तीसरा बड़ा आतंकवादी हमला था। यह हमला ऐसे समय में हुआ था, जब पुंछ के भाटा धुरियां में सेना के एक ट्रक पर घात लगाकर किए गए हमले के बाद सुरक्षाबल पिछले 15 दिनों से क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चला रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, तलाशी अभियान के दौरान 250 से अधिक लोगों को वारदात के सिलसिले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस दौरान आतंकवादियों का सहयोग करने वाले छह सक्रिय कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया गया है।
इस बीच, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और भारतीय सेना के अधिकारियों ने राजौरी जिले में एक आईईडी विस्फोट में शहीद हुए पांच सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। जम्मू में वायुसेना स्टेशन पर पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया गया, जहां उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उत्तरी कमान के जनरल उपेंद्र द्विवेदी, पुलिस और अन्य सैन्य अधिकारियों के साथ सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
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इस बीच, खबर है कि जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में शनिवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा का एक आतंकवादी मारा गया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बारामूला के करहामा कुंजर इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया गया था। आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाईं, जिसके जवाब में सुरक्षा बलों ने भी गोलीबारी की, जिससे यह मुठभेड़ में तब्दील हो गई। अधिकारी ने बताया कि जवाबी गोलीबारी में एक आतंकवादी मारा गया। कश्मीर जोन पुलिस ने एक ट्वीट में कहा, “मारे गए आतंकवादी की पहचान कुलगाम के यारहोल बाबापोरा निवासी आबिद वानी के रूप में हुई है, जो प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर से संबद्ध था। उसके पास से आपत्तिजनक सामग्री, एक एके-47 रायफल बरामद की गई।”
वहीं विस्फोट में शहीद हुए पांच सैन्यकर्मियों की बात करें तो आपको बता दें कि सेना की उत्तरी कमान की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि उसके जवान ‘‘पिछले महीने जम्मू क्षेत्र के भाटा धुरियां के तोता गली इलाके में सेना के ट्रक पर घात लगाकर हमला करने वाले आतंकवादियों के एक समूह के खात्मे के लिए लगातार खुफिया सूचना आधारित अभियान चला रहे हैं।” बयान में कहा गया है, ‘‘राजौरी सेक्टर में कांडी वन में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में विशिष्ट सूचना के आधार पर तीन मई को संयुक्त अभियान शुरू किया गया था। शुक्रवार सुबह करीब साढ़े सात बजे तलाशी दल ने एक गुफा में छिपे आतंकवादियों के एक समूह को घेरा। चट्टानों और खड़े पर्वतीय क्षेत्रों से घिरा यह इलाका बेहद घना जंगली क्षेत्र है।’’ बयान के अनुसार, इस दौरान आतंकवादियों ने विस्फोट कर दिया। शहीद सैनिकों में उत्तराखंड के गैरसैंण के लांस नायक रुचिन सिंह रावत, पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग के ‘पैराट्रूपर’ सिद्धांत छेत्री, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के नायक अरविंद कुमार, जम्मू के हवलदार नीलम सिंह और हिमाचल प्रदेश के सिरमौर के ‘पैराट्रूपर’ प्रमोद नेगी शामिल हैं। इस बीच, रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान को तगड़ा सबक सिखाए जाने का समय आ गया है।
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