'आतंकी इंडस्ट्री का प्रवक्ता है पाकिस्तान', चीन को लेकर बोले विदेश मंत्री- सीमा पर स्थिति सामान्य नहीं
विदेश मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि जम्मू-कश्मीर में जी-20 की बैठक होगी। आपको बता दें कि पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में जी-20 की बैठक को लेकर लगातार आपत्ति जता रहा था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को जी-20 और श्रीनगर से कोई लेना-देना नहीं है।
शंघाई सहयोग संगठन देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान पर जबरदस्त निशाना साधा। उन्होंने पाकिस्तान को साफ तौर पर आतंकी इंडस्ट्री का प्रवक्ता बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की विश्वसनीयता घट रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आतंकी पीड़ित और साजिशकर्ता एक साथ नहीं बैठ सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि बिलावल के साथ बाकी के विदेश मंत्रियों की ही तरह बर्ताव हुआ। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के पीड़ित आतंकवाद पर चर्चा करने के लिए आतंकवाद के अपराधियों के साथ एक साथ नहीं बैठते हैं। आपको बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए भारत दौरे पर आए थे। जयशंकर ने साफ तौर पर कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का था, है और आगे भी रहेगा।
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इसके साथ ही विदेश मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि जम्मू-कश्मीर में जी-20 की बैठक होगी। आपको बता दें कि पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में जी-20 की बैठक को लेकर लगातार आपत्ति जता रहा था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को जी-20 और श्रीनगर से कोई लेना-देना नहीं है। साथ ही साथ उन्होंने स्पष्ट रूप से यह भी कहा कि पाकिस्तान के साथ केवल पीओके बड़ा मुद्दा है। चीन को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा पर असामान्य स्थिति है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सीमा पर हालात सुधरने तक चीन के साथ सामान्य स्थिति नहीं है। चीन से डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है। हालांकि, चीन के विदेश मंत्री छिन कांग ने दोहराया था कि भारत-चीन सीमा पर स्थिति सामान्यत: स्थिर है और दोनों पक्षों को मौजूदा प्रयासों को मजबूत करना चाहिए तथा सीमा पर स्थायी शांति के लिए शर्तों को और सरल एवं सहज बनाने पर जोर देते हुए संबंधित समझौतों का कड़ाई से पालन करना चाहिए।
आपसी सहयोग और सुरक्षा समेत कई मुद्दों पर कोई बात
गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई। इस बैठक के बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ तौर पर कहा कि आपसी सहयोग और सुरक्षा समेत कई मुद्दों पर बातचीत हुई है। उन्होंने कहा कि भारत ने पहली बार बैठक की अध्यक्षता की है। उन्होंने कहा कि बहुपक्षीय सहयोग को लेकर भी इसमें चर्चा हुई है। एससीओ देशों के बीच भागीदारी बढ़ाने पर भी सहमति बनी है। उन्होंने साथ ही साथ कहा कि रूस के साथ सभी मुद्दों पर बातचीत हुई है। रूस के साथ आर्थिक सहयोग पर भी बात हुई है। चीन को लेकर भी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि चीन से एलएसी के वर्तमान हालात को लेकर बातचीत हुई है।
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जयशंकर ने कहा कि बैठक के दौरान, एससीओ के विदेश मंत्रियों ने उन निर्णयों की स्थिति का आकलन किया जिन्हें जुलाई में आगामी एससीओ शिखर सम्मेलन में अनुमोदित किया जाएगा। बैठक ने हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों को संबोधित करने के लिए एससीओ में बहुपक्षीय सहयोग की स्थिति पर विचार करने का अवसर भी दिया। उन्होंने कहा कि बैठक ने संगठन के सुधार और आधुनिकीकरण के बारे में बात करने और नए सदस्य राज्यों के रूप में ईरान और बेलारूस को एससीओ में शामिल करने की प्रगति का आकलन करने का अवसर दिया। गोवा में विदेश मंत्रियों की एससीओ परिषद के मौके पर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हमने कई क्षेत्रीय, वैश्विक विकास पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
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