वाराणसी में साइबर अपराधियों ने वृद्धा से ठगे 32 लाख रूपये

Cyber ​​criminals
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अजय कुमार । Oct 23 2024 4:47PM

नीना कौर ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि गत दिनों 15 अक्टूबर की दोपहर उनके मोबाइल पर व्हाट्सएप वीडियो कॉल आई। कॉल करने वाला पुलिस की वर्दी पहने था। उसने खुद को मुंबई के अंधेरी पुलिस स्टेशन का अधिकारी सुनील कुमार बताया।

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में डिजिटल अरेस्ट करके एक वृद्ध महिला ने लाखों रूपये की ठगी कर ली गई। साइबर ठगों ने लालपुर पांडेयपुर थाना क्षेत्र के चंद्रा रेजिडेंसी हुकुलगंज में रहने वाली 67 साल की नीना कौर को 24 घंटे डिजिटल अरेस्ट करके 32 लाख 40 हजार रुपये की ठगी की। साइबर ठगों ने उनको व्हाट्सएप के जरिए गिरफ्तारी वारंट आदि भी भेजा था। इस मामले में साइबर क्राइम थाना में मुकदमा दर्ज कराया गया है। नीना कौर ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि गत दिनों 15 अक्टूबर की दोपहर उनके मोबाइल पर व्हाट्सएप वीडियो कॉल आई। कॉल करने वाला पुलिस की वर्दी पहने था। उसने खुद को मुंबई के अंधेरी पुलिस स्टेशन का अधिकारी सुनील कुमार बताया। कहा कि नीना कौर के नाम से अवैध पार्सल कुरियर के जरिए सिंगापुर भेजा गया है। उसमें नशीला पदार्थ, फर्जी पासपोर्ट व एटीएम कार्ड हैं। कुरियर को देश की सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ लिया है। इस मामले की जांच करने पर उनका नाम सामने आया है। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

उसने गिरफ्तारी वारंट आदी भेजकर दो दिनों में मुंबई पहुंचने का आदेश देते हुए कहा कि इस मामले में उनकी गिरफ्तार की जाएगी। इसके बाद कथित सीबीआई अधिकारी अनिल यादव से बात करने को कहा और कॉल ट्रांसफर कर दी। अनिल ने नीना को चेतावनी दिया कि इस मामले में किसी परिचित को जानकारी दी तो उनको जान को खतरा हो सकता है। साथ ही गिरफ्तार से बचने के लिए संपत्ति की जानकारी दी। नीना ने उसे अपने फ्लैट, कार व भारतीय स्टेट बैंक के होटल डी पेरिस कैंटोनमेंट ब्रांच में 32 लाख 40 हजार रुपये होने की जानकारी दी। इस सीबीआई अधिकारी बने अनिल  ने अदालत से गिरफ्तारी रोकने के लिए बैंक खातों में रखे रुपये जांच के लिए उसके बताए बैंक खाते में ट्रांसफर करने को कहा।

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पुलिस अधिकारी बनकर काल करने वाले उनकी बातों से डरकर नीना अपने बैंक गईं। वहां से बताए गए बैंक खातों में आरटीजीएस के माध्यम से 32 लाख 40 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिया। थोड़ी देर बाद उनके मोबाइल पर ट्रांजैक्शन फेल होने का मैसेज आया। इसके बाद पुलिस अधिकारी बने साइबर ठगों ने नीना को कॉल करके खूब डराया-धमकाया और दोबारा रुपये भेजने के लिए दूसरा बैंक खाता बताया। उनके बताए अनुसार नीना फिर से बैंक गईं और रुपये ट्रांसफर कर दिया। फोन करने वालों ने आश्वासन दिया था कि रुपये 24 घंटे में वापस आ जाएंगे लेकिन रुपये वापस नहीं आने पर नीना ने इसकी जानकारी नागपुर में रहने वाले बेटे को दी और थाने में रिपोर्ट लिखाई।

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