Kashmir में CRPF को मिला Wheeled Armored Amphibious Platform Vehicle, आतंकवादियों पर कहर बनकर टूटेगा यह घातक वाहन

Kashmir CRPF
ANI

सीआरपीएफ अधिकारियों का कहना है कि हमारा प्रयास हमारी परिचालन दक्षता में सुधार करना है। अधिकारियों का कहना है कि समय के साथ हम खुद को निखारने का प्रयास करते हैं। इस संबंध में हम उपलब्ध नए उपकरणों से खुद को लैस करने का प्रयास करते हैं।

कश्मीर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की ताकत में जोरदार इजाफा हुआ है क्योंकि बल को एक अत्याधुनिक वाहन दिया गया है जोकि आतंकवाद से लड़ने में काफी मददगार साबित होगा। हम आपको बता दें कि यह अत्याधुनिक वाहन व्हील्ड आर्मर्ड एमफीबियस प्लेटफॉर्म जमीन पर, दलदली क्षेत्रों और नदियों में भी तेजी के साथ काम करने में सक्षम है। 8X8 साइज के यह वाहन टाटा और डीआरडीओ द्वारा संयुक्त रूप से बनाए गए हैं और यह ड्राइवर सहित 12 सैनिकों को हथियारों समेत ले जा सकते हैं। हम आपको बता दें कि टाटा केस्ट्रेल नामक यह वाहन 100 किमी/घंटा की अधिकतम गति से कहीं भी पहुँच सकता है। विस्फोटों से इसे नुकसान नहीं पहुंचता, बारूदी सुरंगों का भी इस पर असर नहीं होता। उच्च सुरक्षा फीचरों वाला 25 टन का यह वाहन, अधिक ऊंचाई वाले अभियानों के लिए बहुत उपयुक्त है। हम आपको बता दें कि सेना को पिछले साल यह वाहन प्रदान किया गया था। बताया जाता है कि सेना को जो टाटा केस्ट्रेल वाहन मिला है उसमें तोपखाना भी लगा है और वह लेह में तैनात है। अब यह वाहन केंद्रीय बलों को प्रदान किये जा रहे हैं। इस कड़ी में कश्मीर में सीआरपीएफ के लिए इस वाहन की यह पहली तैनाती है। पहला वाहन दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ की 110 बटालियन के पास पहुँचा तो जवानों का उत्साह देखने लायक था। 

इस बारे में सीआरपीएफ अधिकारियों का कहना है कि हमारा प्रयास हमारी परिचालन दक्षता में सुधार करना है। अधिकारियों का कहना है कि समय के साथ हम खुद को निखारने का प्रयास करते हैं। इस संबंध में हम उपलब्ध नए उपकरणों से खुद को लैस करने का प्रयास करते हैं और अपने जवानों और अधिकारियों को सर्वोत्तम संभव सुविधा और प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। सीआरपीएफ का कहना है कि नये अत्याधुनिक वाहन के परिचालन से संबंधित प्रशिक्षण जवानों को दिया जायेगा।

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हम आपको बता दें कि सीआरपीएफ पिछले तीन दशकों से जम्मू-कश्मीर में सेना और पुलिस के साथ मिलकर आतंकवाद से लड़ रही है। इसके अलावा, पुलिस और सीआरपीएफ अक्सर घाटी में कानून-व्यवस्था की स्थिति को भी नियंत्रित करते रहे हैं। कश्मीर घाटी में सीआरपीएफ की लगभग 60 बटालियन (लगभग 60,000 कर्मी) हैं। समय-समय पर चुनाव या अमरनाथ यात्रा जैसे आयोजनों के लिए अस्थायी रूप से और भी जवानों को यहां तैनात किया जाता है। इसके अलावा, सीआरपीएफ श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर विपरीत मौसमी परिस्थितियों में सड़क खोलने जैसे कार्यों को भी अंजाम देती है।

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