न्यायालय ने कोविड-19 रोधी टीकों के दुष्प्रभाव के आरोप वाली जनहित याचिका खारिज की

Supreme Court
ANI

भारत के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि जनहित याचिका सिर्फ सनसनी फैलाने के इरादे से दायर की गई है।

उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 रोधी टीका लगाए जाने के कारण खून में थक्का बनने जैसे दुष्प्रभाव होने का आरोप लगाने वाली एक जनहित याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया।

भारत के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि जनहित याचिका सिर्फ सनसनी फैलाने के इरादे से दायर की गई है।

पीठ ने कहा, ‘‘इस पर कार्रवाई के लिए मुकदमा दायर करें। इसका क्या उपयोग है? कृपया यह भी समझें कि अगर आप टीका नहीं लेते हैं तो इसका क्या दुष्प्रभाव होगा। हम इस मुद्दे पर सुनवाई नहीं करना चाहते, यह सिर्फ सनसनी पैदा करने के लिए है।’’ प्रिया मिश्रा एवं अन्य याचिकाकर्ताओं ने यह याचिका दायर की थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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