अदालत ने केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन पर वकीलों को आगाह किया
केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। वह 28 मार्च तक एजेंसी की हिरासत में हैं। न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा, ‘‘अदालत में विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के परिणाम गंभीर होंगे। अदालतों को रोका नहीं जा सकता।
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनमोहन ने मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ अदालत परिसरों में विरोध प्रदर्शन करने के प्रति बुधवार को वकीलों को आगाह करते हुए कहा कि परिणाम गंभीर होंगे। ‘आप’ के विधि प्रकोष्ठ ने बुधवार को यहां जिला अदालतों में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था।
केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। वह 28 मार्च तक एजेंसी की हिरासत में हैं। न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा, ‘‘अदालत में विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के परिणाम गंभीर होंगे। अदालतों को रोका नहीं जा सकता। हम किसी से अदालत जाने का अधिकार नहीं छीन सकते।” उन्होंने कहा, “ यदि कोई ऐसा करता है, तो वह इसे अपने जोखिम पर करे।”
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इस मुद्दे का उल्लेख कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ के समक्ष अधिवक्ता वैभव सिंह ने किया था। उन्होंने कहा कि अदालत परिसर का उपयोग राजनीतिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता। न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा कि वह इस मुद्दे को कल देखेंगे। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर कार्रवाई की जाएगी।
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