मध्य प्रदेश में मोहल्ला स्तर पर ऑक्सीमीटर प्रदाय करने पर विचार, प्रदेश का रिकवरी रेट 72.3 प्रतिशत
सोशल डिस्टेंसिंग और वायरस से बचाव के पूरे उपाय अमल में लाये जाए। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि प्रदेश में अब तक 10 हजार 935 पॉजीटिव रोगी पाए गए हैं। जिनमें से 7 हजार 903 रोगी स्वस्थ होकर घर पहुंच गए हैं। एक्टिव केस 2 हजार 567 हैं। प्रदेश का पॉजीटिविटी रेट 4.26 है। जिसमें कमी लाने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना नियंत्रण में मोहल्ला और कालोनी स्तर पर ऑक्सीमीटर के प्रदाय पर विचार किया जा रहा है। इससे सर्वे कार्य में आसानी होगी। कोई रोग लक्षण मिलने पर व्यक्ति को उपचार के लिए तत्काल स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाने में मदद मिलेगी। प्रशासन के साथ आम जनता को कोरोना नियंत्रण में भागीदार बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना नियंत्रित हो रहा है। लेकिन किसी भी स्तर पर असावधानी नहीं होना चाहिए। हम सभी के सम्मिलित प्रयासों से कोरोना परास्त होगा। जनता के सहयोग से कोरोना वायरस की समस्या को पूरी तरह समाप्त करने में मदद मिलेगी। सोशल डिस्टेंसिंग के महत्व से आम जनता को अवगत कराने के लिए जनता में से ही सजग प्रतिनिधियों का चयन कर उन्हें दायित्व दिया जाएगा। हमारा प्रदेश, पूरा देश और पूरा विश्व भी कोरोना से मुक्त हो, हम सभी सामान्य जीवन जी सकें, इसके लिए सामूहिक प्रयत्न आवश्यक हैं। प्रदेशवासियों से मेरा कहना है कि ईश्वर भी उन्हीं की सहायता करते हैं जो स्वयं अपनी सहायता करते हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना को समाप्त करना सावधानी रूपी तपस्या के बिना संभव नहीं है। अनुशासन बनाकर रखने की तपस्या करते रहें तो कोरोना की समस्या से मुक्ति पा लेंगे। इस वायरस पर अकुंश लगाने के प्रयास सफल भी हो रहे हैं। लापरवाही से मामला बिगड़ सकता है, यह मानकर सावधानियाँ बरतने में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। दो गज की दूरी बनाये रखें। फेस मास्क, गमछा, अंगोछा उपयोग में लाते रहें। संक्रमण से बचने का ईमानदारी से प्रयास हो। बार-बार हाथ धोने की प्रैक्टिस चलती रहे। सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें। उत्सव आदि कम मनायें। इनमें संख्या भी कम हो और सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे। भीड़ को रोकना सिर्फ प्रशासन का काम नहीं है। ये जनता की भी ड्यूटी है। व्यवस्था बनाने के लिए आत्मानुशासन का पालन करना होगा।
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समीक्षा की।बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में गत लगभग एक माह से वायरस के नियंत्रण की प्रवृत्ति स्थिर है। एक्टिव केस अन्य राज्यों से कम हैं वहीं अन्य राज्यों की तुलना में मध्यप्रदेश में वायरस संक्रमण भी अपेक्षाकृत नियंत्रण में है। इसके साथ ही प्रदेश का रिकवरी रेट इस समय 72.3 हो गया है, जो राजस्थान के पश्चात देश में सर्वाधिक है। इसका अर्थ है मध्य प्रदेश में रोगियों के स्वस्थ होने की रफ्तार तीव्र है। इसके अलावा डबलिंग रेट 34.9 दिवस है, जो सभी राज्यों से ज्यादा है। इसका अर्थ है मध्य प्रदेश में संक्रमण की गति को रोकने में सफलता मिली है। मुख्यमंत्री चौहान ने राज्य की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि अन्य राज्यों से वायरस नियंत्रण में अच्छी सफलता मिलने के बाद भी कुछ जिलों में पॉजीटिव केस सामने आ रहे हैं। प्रयास यह होना चाहिए कि रोगियों के उपचार के प्रति पूरी गंभीरता बनी रहे। सोशल डिस्टेंसिंग और वायरस से बचाव के पूरे उपाय अमल में लाये जाए। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि प्रदेश में अब तक 10 हजार 935 पॉजीटिव रोगी पाए गए हैं। जिनमें से 7 हजार 903 रोगी स्वस्थ होकर घर पहुंच गए हैं। एक्टिव केस 2 हजार 567 हैं। प्रदेश का पॉजीटिविटी रेट 4.26 है। जिसमें कमी लाने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
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